राजधानी के रेलवे स्टेशनों और सरकारी अस्पतालों में सफाई कार्य में लगे संदेहास्पद बांग्लादेशियों की मौजूदगी को लेकर महापौर सुषमा खर्कवाल ने गंभीर चिंता जताई है। महापौर ने गुरुवार को डीआरएम और मुख्य चिकित्साधिकारी को पत्र लिखकर ऐसे सभी कर्मियों की पहचान कर उन्हें तत्काल हटाने और पुलिस को सूचना देने के लिए कहा है। स्टेशन, अस्पतालों में भी हो सकते हैं घुसपैठिए महापौर ने कहा कि नगर निगम की ओर से कार्यदायी संस्थाओं में लगे कई रोहिंग्या–बांग्लादेशी घुसपैठियों की पहचान पहले से हो चुकी है। आशंका है कि इसी तरह रेलवे स्टेशनों और सरकारी और अर्धसरकारी अस्पतालों में लगे सफाईकर्मी भी फर्जी दस्तावेजों के सहारे काम कर रहे हों। उन्होंने इसे सुरक्षा के लिहाज से गंभीर मुद्दा बताया है। सीएमओ और डीआरएम को भेजा विस्तृत पत्र महापौर ने अपने पत्र में लिखा है कि अवैध रूप से रह रहे घुसपैठिए न सिर्फ शहर में गंदगी फैलाने और कबाड़ के अवैध कारोबार में शामिल रहते हैं, बल्कि कई बार रात के समय खाली मकानों में चोरी की वारदातें भी करते हैं। इसी वजह से केंद्र सरकार ने इन्हें चिह्नित कर बाहर निकालने का अभियान भी चला रखा है। उनका कहना है कि नगर निगम ने अपने हिस्से में लगे ऐसे कर्मचारियों की स्क्रूटनी शुरू कर दी है, अब रेलवे और अस्पताल प्रशासन को भी कार्यदायी संस्थाओं में लगे प्रत्येक कर्मी की जांच करनी चाहिए। यदि किसी के पास वैध कागजात न हों या संदिग्ध पाया जाए तो तुरंत उसे हटाकर पुलिस को जानकारी दें। जांच शुरू होने की अपेक्षा महापौर की ओर से उठाए गए मुद्दे के बाद अब रेलवे और स्वास्थ्य विभाग की ओर से जांच शुरू होने की उम्मीद है। प्रशासनिक स्तर पर इसे संवेदनशील मुद्दा माना जा रहा है और दोनों विभागों से जल्द रिपोर्ट मांगी जा सकती है।
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