लखनऊ में भारत सहित 8 देशों के 30 हजार स्काउट-गाइड ने कैंप किया है। इनकी टेंट सिटी वृंदावन योजना के डिफेंस एक्सपो ग्राउंड पर 350 एकड़ में फैली है। पाकिस्तान और अफगानिस्तान से भी स्काउट-गाइड आए हुए हैं। सैनिकों की तरह जान लगा देने वाले ये स्काउट-गाइड 1 हफ्ते (23 से 29 नवंबर) तक लखनऊ में ही कैंपिंग करेंगे। लखनऊ में जंबूरी का आयोजन किया जा रहा है। उत्तर प्रदेश को जंबूरी कराने का मौका 61 साल में आया है। इससे पहले 1964 में इलाहाबाद (अब प्रयागराज) में जंबूरी कराई गई थी। 4500 टेंट लगे, 100 बेड का अस्पताल भी वृंदावन योजना में डिफेंस एक्सपो स्थल और आसपास के व्यापक क्षेत्र में देश का अब तक का सबसे बड़ा अस्थायी टेंट नगर खड़ा कर दिया गया है। इस टेंट सिटी में 4500 से अधिक टेंट, 1600 शौचालय, 1600 स्नानागार और आधुनिक सुविधाओं वाली 15 डिस्पेंसरी बनाई गई हैं। 35 हजार लोगों के बैठने की क्षमता वाला विशाल मैदान है, जहां सात दिनों तक सांस्कृतिक, खेलकूद और लीडरशिप आधारित गतिविधियां की जाएंगी। स्टेट ट्रेनिंग कमिश्नर अदनान अंसारी ने बताया कि 100 बेड का अस्पताल और नौ डिस्पेंसरी पूरी तरह तैयार हैं, ताकि किसी भी प्रतिभागी को परिसर से बाहर न जाना पड़े। 100 स्टॉल, फूड कोर्ट में 7000 सीटें, ओडीओपी की चमक डिफेंस एक्सपो मैदान में लगने वाले जंबूरी बाजार में 100 दुकानों की व्यवस्था की गई है। इनमें से 85 की बुकिंग हो चुकी है। फूड कोर्ट में एक समय में 7000 लोग भोजन कर सकेंगे। उद्योग विभाग की ओर से ओडीओपी उत्पादों, विशेषकर लखनऊ की मशहूर चिकनकारी का बड़ा स्टॉल लगाने की तैयारी है। चिकनकारी कारीगरों और प्रदेश के अन्य उत्पादों को भी यहां प्लेटफॉर्म मिलेगा। यूपी के 8000 युवा भी होंगे शामिल 20 नवंबर से ही जंबूरी स्थल के आसपास ट्रैफिक डायवर्जन लागू कर दिया गया है। डीसीपी ट्रैफिक ने विस्तृत रूट जारी किया है। प्रदेश के 8000 स्काउट-गाइड भी इस आयोजन में शामिल होंगी। प्रतिभागियों की उम्र 10 से 25 वर्ष के बीच तय की गई है। सभी जिलों के विद्यालयों को प्रतिभाग भेजने के लिए निर्देश भेजे गए हैं। प्रतिभागी बोले- शानदार व्यवस्था है पश्चिम बंगाल की प्रियंका मंडल ने बताया- हमारी टीम बिहू डांस प्रस्तुत करेगी। इस बार बेहतर प्रदर्शन की तैयारी है। हिमाचल प्रदेश से आए सुमित ने कहा- वह 200 सदस्यीय दल के साथ आए हैं और व्यवस्था उम्मीद से बेहतर है। आगरा की वर्षा पाठक बोलीं- हम देश-दुनिया से आने वाले मेहमानों के स्वागत के लिए तैयार हैं। बिहार से 200 स्काउट-गाइड की टीम आई राजस्थान के जयदीप ने बताया- यह उनका तीसरा जंबूरी अनुभव है। इस बार नेपाल, बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान सहित सार्क देशों की भागीदारी भी रहेगी। बिहार के सोनू गुप्ता ने कहा कि वह 200 सदस्यों के साथ आए हैं और आयोजन देखकर उत्साहित हैं। लाइटिंग, टेंट, डेकोरेशन वालों को मिला काम केवल टेंट सिटी के निर्माण पर 45 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं। लाइटिंग, टेंट, डेकोरेशन, बैरिकेडिंग, खानपान, फूल सजावट, लॉजिस्टिक्स और श्रमिकों सभी क्षेत्रों में काम तेजी से कंप्लीट किया गया। टेंट कैटरर्स एंड डेकोरेटर्स वेलफेयर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष विजय कुमार के अनुसार, इस आयोजन से दो हजार से ज्यादा श्रमिकों और सैकड़ों व्यापारियों को सीधा रोजगार मिला है। सहालग के समय आने वाला यह आयोजन कारोबार को दोगुनी रफ्तार दे रहा है। प्रयागराज के बाद 61 साल में फिर यूपी में जंबूरी स्काउटिंग की शुरुआत 1907 में इंग्लैंड के डार्सेट के ब्राउनसी द्वीप पर हुई थी। भारत में पहली राष्ट्रीय जम्बूरी 1953 में हैदराबाद में हुई थी, जबकि चौथी जम्बूरी 1964 में प्रयागराज में आयोजित हुई थी।लंबे इंतजार के बाद अब 61 साल बाद उत्तर प्रदेश को यह अवसर मिला है। राजधानी लखनऊ इस ऐतिहासिक आयोजन की मेजबानी कर रही है। इस बार जंबूरी का शुभंकर “शार्दू” और थीम “आत्मनिर्भर भारत” तय की गई है। जम्बूरी क्या है… जानिए जम्बूरी स्काउट्स और गाइड्स का सप्ताहभर चलने वाला कैंप होता है, जिसमें प्रतिभागी अस्थायी टेंटों में रहकर जीवन कौशल, नेतृत्व, अनुशासन, सामूहिकता और सांस्कृतिक विविधता का अनुभव करते हैं। यहां प्रतिभागियों को न केवल स्काउटिंग गतिविधियों से जोड़ा जाता है, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भरता, टीम वर्क और सामाजिक दायित्वों से संबंधित प्रैक्टिकल अनुभव भी दिए जाते हैं।
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