राष्ट्रीय उत्सव ‘देशज 2025’ इस वर्ष 6 और 7 दिसंबर को लखनऊ के लोहिया पार्क में आयोजित किया जाएगा। भारतीय लोककला और संस्कृति को समर्पित इस प्रतिष्ठित उत्सव में देशभर से 300 से अधिक लोक कलाकार अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे। इस सांस्कृतिक आयोजन की तैयारियों के संबंध में हनुमान धाम, लखनऊ में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की गई। इस अवसर पर उत्सव में भाग लेने वाले कलाकारों ने नौका यात्रा का आनंद लिया। प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद, सोनचिरैया संस्था के 15 वर्षों के सफर का जश्न मनाते हुए 15 विशेष नौकाओं की शोभायात्रा निकाली गई। 15 वर्षों से भारतीय लोक कला उत्सव जारी पद्मश्री मालिनी अवस्थी ने बताया कि सोनचिरैया संस्था पिछले 15 वर्षों से भारतीय लोक कला, लोक संगीत और परंपराओं के संरक्षण, संवर्धन और प्रचार-प्रसार के लिए निरंतर कार्यरत है। उन्होंने इस आयोजन को केवल एक उत्सव नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक आंदोलन बताया, जिसका उद्देश्य भारत की लोक कलाओं को उनके प्रामाणिक रूप में स्थापित करना है। मालिनी अवस्थी ने यह भी जानकारी दी कि ‘देशज’ पिछले चार वर्षों से लखनऊ में सफलतापूर्वक आयोजित किया जा रहा है। यह उत्सव हर बार भारतीय लोक जीवन की विविधता को एक ही मंच पर लाने में सफल रहा है। जनजातीय और ग्रामीण लोकनृत्य शामिल उत्सव के विशेष आकर्षणों में देश के विभिन्न राज्यों के जनजातीय और ग्रामीण लोकनृत्य शामिल होंगे। इसके अतिरिक्त, लोक वादन और लोकगायन की पारंपरिक प्रस्तुतियां भी देखने को मिलेंगी।कार्यक्रम में लोक विद्वानों, संस्कृति विशेषज्ञों और कलाकारों के बीच संवाद सत्र आयोजित किए जाएंगे। हस्तशिल्प एवं कला बाजार, क्षेत्रीय व्यंजनों का विशेष ज़ोन और युवा कलाकारों के लिए एक प्रेरणादायी मंच भी उपलब्ध होगा। देश के विभिन्न राज्यों की सांस्कृतिक प्रस्तुतियां होंगी देश की समृद्ध लोक विरासत को एक मंच पर लाने के लिए केरल का थैय्यम, पंजाब का गिद्धा और राजस्थान का घूमर जैसे नृत्य प्रस्तुत किए जाएंगे। प्रसिद्ध लोक गायक कुतले खान अपनी प्रस्तुति देंगे, जबकि बिहार के भिखारी ठाकुर की अमर रचना ‘विदेशिया’ का मंचन संजय उपाध्याय द्वारा किया जाएगा। मिजोरम, महाराष्ट्र और गुजरात के कलाकार भी अपनी पारंपरिक कला के साथ इस आयोजन में शामिल होंगे।
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