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लखनऊ में छठवीं के छात्र की हार्ट अटैक से मौत:पिता बोले- 200 मीटर पर अस्पताल, स्कूल ने पहुंचाने में आधा घंटा लगा दिया

लखनऊ में छठवीं के एक छात्र की हार्ट अटैक से मौत हो गई। उसका पेपर चल रहा था। इंग्लिश का पेपर खत्म होने के बाद कॉपी जमा की। लौटकर अपनी सीट पर आकर बैठ गया। बॉटल उठाकर पानी पीया, बॉटल रखी और सीट से नीचे गिर पड़ा। दूसरे बच्चों ने देखा तो टीचर्स को बुलाया। टीचर्स छात्र को स्कूल में ही उसे काफी देर तक फर्स्ट एड देते रहे। उसके बाद स्थिति जब समझ में नहीं आई तो पास के अस्पताल पहुंचे। वहां डॉक्टरों ने CPR दिया लेकिन बॉडी में कोई हरकत नहीं हुई। इसके बाद डॉक्टरों ने ब्रॉट डेड (मृत ही लाया गया) घोषित कर दिया। पूरा मामला महानगर स्थित मोंटफोर्ट इंटर कॉलेज का है। मृत छात्र की पहचान LIC में कार्यरत संदीप सिंह के बेटे अमय सिंह के रूप में हुई। इस डेथ के बाद अमय के पिता संदीप, मां मधुरिमा और बाबा पूरी तरह से टूट गए हैं। पिता यही कह रहे कि स्कूल से अस्पताल 200 मीटर दूर है। उसके बावजूद स्कूल मेरे बच्चे को आधा घंटा में पहुंचा सका। दैनिक भास्कर मौके पर पहुंचा था। उस समय भाऊराव देवरस अस्पताल में मंजर काफी मार्मिक था। अमय के पिता कुछ बोल नहीं पा रहे थे। उन्होंने उस समय बात नहीं की लेकिन बाद में हमें पूरी बात बताई। हमने डॉक्टरों से भी पूछा कि इसमें कितनी पॉसिबिलिटी है कि न्यूरो की समस्या वाले को हार्ट अटैक आ सकता है। पढ़िए पूरी रिपोर्ट… पहले 3 तस्वीरें… अब पढ़िए पिता ने जो बताया… डॉ. संदीप अग्रवाल से इलाज चला था, अब ठीक था बेटा अमय के पिता संदीप सिंह बच्चे के बारे में सुनकर सीधे गोंडा से लखनऊ हॉस्पिटल पहुंचे। यहां वह बात करने की स्थिति में नहीं थे। बाद में फोन पर बात की। उन्होंने बताया- मेरा बच्चा बिल्कुल ठीक था। उसे कोई परेशानी नहीं थी। आज सुबह खुद से ही तैयार होकर स्कूल गया था। न जाने क्यों भगवान ने मेरी किस्मत में यह दिन देखना लिखा था। हंसता-खेलता बच्चा हमें छोड़कर चला गया। पहले हल्की न्यूरो की कुछ समस्या थी। डॉ. संदीप अग्रवाल से कुछ दिन पहले इलाज चला था। तब से वह बिल्कुल ठीक था। कभी कोई ऐसी समस्या हमें समझ में नहीं आई। तबीयत खराब होने की खबर सुनी तो शरीर पथरा गया संदीप सिंह हमसे बात करते-करते रोने लगते हैं। काफी समझाने और ढाढ़स देने के बाद वह फिर से बताते हैं। उन्होंने कहा- सुबह बच्चे को स्कूल छोड़कर मैं गोंडा चला गया था। गोंडा में ही LIC में काम करता हूं।दोपहर में अचानक मेरे पास फोन आया। पहले बताया गया कि बच्चे की तबीयत कुछ बिगड़ गई है। आप तुरंत आ जाए। फिर कुछ ही देर में उसके न रहने की खबर आई। यह सुनने पर मैं कुछ समझ नहीं पा रहा था। शरीर पथरा गया था। कैसे मैं खुद इतनी दूर गाड़ी चलाकर आ पाया यह नहीं जान पाया। यहां आकर देखा तो मेरा सबकुछ उजड़ा हुआ था। स्कूल से हॉस्पिटल कुछ ही दूर, किसको दोष दूं? संदीप कहते है कि मेरा बेटा बहुत ब्रिलिएंट था। पढ़ाई में तेज और होनहार था। स्पोर्ट्स में भी आगे रहता था। बैठे-बैठे अचानक उसका गिर जाना और इस तरह हमें छोड़ जाना, विश्वास नहीं हो रहा। स्कूल से हॉस्पिटल 200 मीटर ही दूर है, पर पहुंचाने में स्कूल ने आधा घंटा लगा दिया। इस पर मैं किसी को क्या दोष दूं? मुझे नहीं लगता कि इसमें स्कूल का कोई रोल है। आजकल लोग पैदल चलते-चलते गिर जा रहे हैं और उनकी मौत हो जा रही है। ऐसे कई वीडियो वायरल रहते हैं। ऐसे में मैं किसी किसी को कोई दोष नहीं देना चाहता। इसीलिए हमने पोस्टमॉर्टम नहीं कराया। अब टीचर्स ने जो कहा, उसे पढ़िए… पानी पीने के बाद वह लुढ़क गया मोंटफोर्ट इंटर कॉलेज के PT टीचर प्रत्यूष रत्न पांडेय ने बताया- मौजूदा समय स्कूल में यूनिट टेस्ट चल रहे हैं। शुक्रवार को छठवीं का इंग्लिश का पेपर था। सुबह आठ बजे से पेपर शुरू हुआ और 10:30 बजे तक चला। कॉपी जमा करने के बाद अमय वापस अपनी सीट पर बैठ गया। इस बीच उसने बॉटल से पानी पीया और फिर अचानक एक तरफ उसकी पूरी बॉडी लुढक गई। जैसे ही टीचर ने देखा, तुरंत उसके पास पहुंचीं, उसे उठाने की कोशिश की पर जब अकेले सफल नहीं हुईं तो उन्होंने साथ के स्टूडेंट्स से मदद मांगी। इस बीच नीचे से भी कुछ टीचर्स ऊपर क्लासरूम पहुंचे। जैसे ही मुझे जानकारी हुई, मैं खुद भी क्लासरूम पहुंचा। काफी देर तक हमने उसे CPR देने की कोशिश की। काफी प्रयास करने के बाद भी जब उसे रिवाइव नहीं कर सके तो तुरंत प्रिंसिपल की कार लेकर नजदीक के BRD अस्पताल पहुंचे। वहां भी डॉक्टरों ने बचाने का भरपूर प्रयास किया पर बचा नहीं सके। शायद मेरे हाथों में ही उसका दम टूट चुका था PT टीचर प्रत्यूष पांडेय कहते हैं कि मैंने CPR दे देने की ट्रेनिंग ले रखी है। जैसे ही मुझे उसकी कंडीशन के बारे में पता लगा, भागकर उसके क्लासरूम में पहुंचा। वहां वह अचेत अवस्था में था। उसकी सांस लगभग टूट रही थी। मैंने एक सहयोगी टीचर की मदद से उसको लेटाया और फिर कई बार CPR देकर रिवाइव करने का प्रयास किया पर सांसें लौट न सकीं। ऐसा लगता है कि जैसे ही गाड़ी से स्कूल से निकले तभी एक झटके में उसकी सांस पूरी तरह से थम गई। शायद उसने मेरे हाथों में ही दम तोड़ दिया। अलग-अलग क्लास के बच्चे बैठे थे स्कूल में यूनिट टेस्ट के दौरान सीटिंग अरेंजमेंट भी जारी हुआ था। अलग-अलग क्लास के बच्चे, एक क्लास में आकर बैठे थे। शुक्रवार को अमय फर्स्ट फ्लोर के सेकेंड रूम में बैठकर एग्जाम दे रहा था। इस क्लासरूम में उसके साथ के करीब 10 से 12 स्टूडेंट्स थे। इसके अलावा कुछ सीनियर भी स्टूडेंट्स थे। अचानक हुई इस घटना से अचानक से क्लास में अफरातफरी मच गई। अब इस टाइम लाइन से समझिए..कब क्या हुआ… अब पढ़िए डॉक्टर्स ने क्या बताया… न्यूरो की बीमारी में हार्ट अटैक के चांस न के बराबर अमय के पिता ने बताया है कि न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. संदीप अग्रवाल ने अमय का इलाज किया था। हमने उन्हीं से बात की। वह कहते हैं- बिना पर्चा देखे मैं मरीज के बारे में सटीक जानकारी नहीं दे पाऊंगा। पर इतना जरूर है कि यह मामला पूरी तरह से समझ से परे है। हार्ट अटैक तो किसी को भी आ सकता है पर मामूली न्यूरो की समस्या की वजह से हार्ट अटैक की संभावना नहीं होती। ब्रेन स्ट्रोक और हार्ट अटैक के बीच होता है लिंक लखनऊ के सीनियर कार्डियोलॉजिस्ट और सिविल अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. राजेश श्रीवास्तव कहते हैं कि सडेन कार्डियक डेथ के कई चौंकाने वाले मामले पहले भी सामने आए हैं। यह भी बेहद शॉकिंग है। 10-12 साल की उम्र के बच्चों में हार्ट अटैक आना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। पर इस मामले में मौत किस वजह से हुई है, यह कह पाना थोड़ा मुश्किल है। बच्चे को हार्ट से जुड़ी पहले से कोई बीमारी होगी तो इसकी कोई जानकारी नहीं है। और न्यूरो की किसी समस्या से हार्ट अटैक आने की संभावना भी बेहद कम है। पर इसे पूरी तरह से नकारा नहीं जा सकता। कई मामलों में ब्रेन स्ट्रोक और हार्ट अटैक के बीच लिंक मिला है। इसलिए सबसे अहम हेल्थ को लेकर अवेयरनेस है। लाइफस्टाइल में बदलाव लाने की भी बहुत जरूरत है। बच्चों को लेकर लापरवाही जानलेवा साबित हो सकती है। ————— खबर ये है… लखनऊ में छठवीं के छात्र की हार्ट अटैक से मौत : टीचर बोले- इंग्लिश का पेपर दिया था; पानी पीते ही बेहोश होकर गिर पड़ा, फिर नहीं उठा लखनऊ में छठवीं क्लास के एक छात्र की शुक्रवार सुबह हार्ट अटैक से मौत हो गई। वह महानगर स्थित मोंट फोर्ट इंटर कॉलेज का छात्र था। टीचर ने बताया- छात्र ने ढाई घंटे तक इंग्लिश का पेपर दिया। उसके बाद पानी पीने के लिए उठा। पानी पीते ही बेहोश होकर गिर गया। स्कूल में उसे प्राथमिक उपचार दिया गया। हालत में सुधार नहीं होने पर अस्पताल लेकर गए। (पूरी खबर पढ़िए)


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