लखनऊ के गोमतीनगर स्थित केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय में चल रहे खादी महोत्सव – 2025 के अवसर पर राज्य कर्मचारी साहित्य संस्थान, उत्तर प्रदेश ने एक कवि सम्मेलन का आयोजन किया। कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों द्वारा मां सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण और दीप प्रज्वलन से हुआ। डॉ. सुरेश श्रीवास्तव ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की, जबकि नीरज पांडेय ने इसका संचालन किया। वाणी वंदना डॉ. सरला शर्मा ‘अस्मा’ द्वारा प्रस्तुत की गई। कवियों ने श्रोताओं का मन मोह लिया इस कवि सम्मेलन में कई प्रमुख कवियों और गीतकारों ने अपनी रचनाएँ प्रस्तुत कीं। इनमें गीतकार डॉ. बुद्धिनाथ मिश्रा, आईएएस अधिकारी एवं गायक/गजलकार डॉ. हरिओम, नीरज पांडेय, डॉ. सुरेश श्रीवास्तव, हास्य कवि दमदार बनारसी, डॉ. सरला शर्मा ‘अस्मा’, हरिमोहन बाजपेई ‘माधव’ और अमरेंद्र द्विवेदी प्रमुख थे।उपस्थित कवियों ने अपने गीत, गजल, छंद और मुक्तक प्रस्तुत कर श्रोताओं का मन मोह लिया। कवियों ने अपनी रचनाएं पढ़ी कवि सम्मेलन में अमरेंद्र द्विवेदी ने अपनी पंक्तियां साझा कीं: ‘तुम्हारे दिल की धड़कन, हमसे प्यार करती है।’ डॉ. हरिओम ने अपनी प्रस्तुति में कहा: ‘मैं तेरे प्यार का मारा हुआ हूं, सिकंदर हूं मगर हारा हुआ हूं।’गजलकार माधव वाजपेई ने अपनी रचना प्रस्तुत की: ‘कुछ बड़े लोग जो सचमुच में बड़े होते हैं, कद बढ़ा देते हैं जब साथ खड़े होते हैं।’ हास्य कवि दमदार बनारसी ने अपने विशिष्ट अंदाज में कहा: ‘जिस दिन से मेरी बीवी ने मुझे धमकाया, उस दिन से मैंने घर से नीला ड्रम हटा दिया।’यह कार्यक्रम साहित्यिक प्रेमियों के लिए काव्य, गीत और हास्य का एक महत्वपूर्ण मंच साबित हुआ।
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