अलीगढ़ निवासी एक युवक से रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी का मामला सामने आया है। आज मंगलवार की शाम को पुलिस ने इस मामले में एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। उसके दो साथी पहले ही पकड़े जा चुके हैं। मनीपुर, इगलास, अलीगढ़ (वर्तमान में हाथरस निवासी) दिग्विजय सिंह ने पुलिस को बताया कि 30 अगस्त को उनके पिता के फोन पर एक कॉल आया था। ट्रू-कॉलर पर यह नंबर प्रमोद कुमार शर्मा के नाम से दिखा रहा था। फोन करने वाले ने रेलवे विभाग में नौकरी लगवाने का झांसा दिया। आरोपियों ने दिग्विजय से साढ़े तीन लाख रुपये ऐंठ लिए और उन्हें एक ज्वाइनिंग लेटर भी दिया। बाद में जांच करने पर पता चला कि यह नियुक्ति पत्र फर्जी और कूटरचित था। इस संबंध में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए 26 नवंबर को दो आरोपियों को गिरफ्तार किया था। अब पुलिस ने इस मामले में नरेंद्र सिंह दिवाकर पुत्र गेंदा सिंह को भी गिरफ्तार कर लिया है, जो भैड़ी फरीदपुर, थाना छजलैठ, मुरादाबाद का निवासी है और वर्तमान में कन्या जूनियर हाईस्कूल लाइन पार कुंदनपुर, थाना मझोला, मुरादाबाद में रहता है। गिरफ्तार आरोपी नरेंद्र सिंह दिवाकर ने पूछताछ में बताया कि योगेश पुत्र इन्दर सिंह उसका चचेरा भाई है और मोहम्मद रुखशाद पुत्र मोहम्मद रजा (ग्राम भैसाली जमालपुर, मुरादाबाद) उसका दोस्त है। नरेंद्र ने मोहम्मद रुखशाद को एक फर्जी सिम उपलब्ध कराई थी। रुखशाद ने अपने ओप्पो मोबाइल फोन से दिग्विजय सिंह से संपर्क किया और उसे रेलवे के ग्रुप सी में नौकरी दिलाने का वादा किया। घटना में इस्तेमाल सिम तोड़कर फेंक दिया था आरोपियों ने दिग्विजय सिंह से साढ़े तीन लाख रुपये की मांग की और यह राशि योगेश के पंजाब एंड सिंध बैंक के खाते में जमा करवाई। रुपये मिलने के बाद नरेंद्र, योगेश और मोहम्मद रुखशाद ने मिलकर दिग्विजय सिंह के नाम का रेलवे ग्रुप सी का एक फर्जी ज्वाइनिंग लेटर तैयार किया। वे तीनों दिग्विजय के गांव मनीपुर गए और उसके पिता तोफान सिंह को वह फर्जी पत्र सौंप आए। रुखशाद ने घटना में इस्तेमाल किया गया मोबाइल और सिम तोड़कर नदी में फेंक दिया।
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