लखनऊ में रिकवरी एजेंट शशि प्रकाश उपाध्याय की हत्या रूम पार्टनर और 2 दोस्तों ने की थी। पुलिस ने रविवार को दो आरोपियों को कमता बस स्टैंड के पास से गिरफ्तार कर लिया। तीसरा आरोपी फरार है। गिरफ्तार आरोपियों ने पुलिस की पूछताछ में बताया कि पैसों के लेनदेन में हत्या की थी। गिरफ्तार आरोपियों की पहचान अखिलेश कुमार पुत्र त्रिभुवन निवासी ग्राम साहू का बंगला थाना खोड़रे जनपद गोंडा और प्रिंस उर्फ अरुण यादव पुत्र योगेंद्र यादव निवासी भैसौड़ा थाना कन्धरापुर जनपद आजमगढ़ के रूप में हुई। तीसरा आरोपी अंगद है। वह अभी फरार है। प्रिंस शशि प्रकाश का रूम पार्टनर है। प्रिंस, अखिलेश, अंगद और शशि उपाध्याय आपस में दोस्त भी थे। घटना 19 नवंबर की है। इंदिरानगर सेक्टर-8 चौराहे पर फाइनेंस कंपनी के रिकवरी एजेंट शशि प्रकाश उपाध्याय की हत्या कर दी गई थी। 101 रुपए के लिए की हत्या डीसीपी पूर्वी शशांक सिंह ने बताया कि शशि ने आरोपी अंगद को जूता खरीदने के लिए 800 रुपए उधार दिए थे। अंगद ने 101 रुपए वापस नहीं किए थे। वही रुपए वापस करने के बहाने तीनों ने उसे बुलाया था। रुपए वापसी के दौरान इन लोगों में बहस हो गई। इसके बाद मारपीट शुरू हो गई। जिसके बाद वहां पड़े शीशे के टुकड़ा शशि के सिर पर मार दिया। शशि की मौके पर ही मौत हो गई। आरोपी फरार हो गए। कमता बस स्डैंट के पास से गिरफ्तार किया पूछताछ में बताया कि शशि प्रकाश उपाध्याय और तीनों आरोपी दोस्त थे। शशि प्रकाश उपाध्याय ने उनकी नौकरी लगवाई थी। अखिलेश और प्रिंस शशि के अंडर में पार्ट टाइम जॉब करते थे। आरोपी लखनऊ छोड़कर भागने की फिराक में थे। तभी पुलिस टीम में शामिल एसआई सुशील कुमार, एसआई गौरी शंकर, एसआई शिव शंकर ने टीम के साथ पकड़ लिया। घर से 200 मीटर दूर मिला था शव शशि प्रकाश उपाध्याय (24) मूलरूप से अंबेडकरनगर के राजे सुल्तानपुर का रहने वाले थे। वह इंदिरानगर के सेक्टर-8 स्थित रघुराजनगर में किराए के मकान में अकेले रहते थे। वह विष्णु एंड कंपनी में लोन रिकवरी एजेंट थे। बुधवार रात करीब 11 बजे उनका शव घर से 200 मीटर दूर चौराहे पर खून से लथपथ मिला था।
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