राष्ट्रीय लोक अदालत में अयोध्या दीवानी न्यायालय परिसर में 71,501 मुकदमों का निपटारा किया गया। इस दौरान 18.03 करोड़ रुपये की वसूली भी हुई। अपर जिला जज और राष्ट्रीय लोक अदालत के नोडल अधिकारी दीपक यादव ने बताया कि इस बार 70 हजार वादों के निस्तारण का लक्ष्य रखा गया था, जिसे सफलतापूर्वक हासिल कर लिया गया। नोडल अधिकारी दीपक यादव के अनुसार, वर्चुअल कोर्ट के पीठासीन अधिकारी प्रत्यूष आनंद मिश्रा ने सर्वाधिक 22 हजार मुकदमों का निस्तारण किया। मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण के पीठासीन अधिकारी ने 117 याचिकाओं का निपटारा किया, जिससे 9.76 करोड़ रुपये का प्रतिकर जमा कराया गया। सुलह-समझौता के लिए कुल 138 वाद प्रस्तुत किए गए। कामर्शियल कोर्ट के पीठासीन अधिकारी ने 15 वादों का निस्तारण किया। बैंक रिकवरी से संबंधित 1174 वादों का भी निपटारा किया गया, जिसके तहत 6.61 करोड़ रुपये के ऋण का सेटलमेंट हुआ। सत्र न्यायालय ने 65 वादों का निस्तारण किया। मजिस्ट्रेट न्यायालयों ने 19,732 वादों को निपटाया, जिनसे 1.23 करोड़ रुपये का अर्थदंड वसूला गया। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने 4,141, अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम ने 2,079 और सिविल न्यायालय ने 312 मामलों का निस्तारण किया। राजस्व न्यायालयों ने सर्वाधिक 29,283 वादों का निपटारा किया। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव अनिल कुमार वर्मा ने बताया कि इस बार अधिक से अधिक वादों के निस्तारण को प्राथमिकता दी गई थी। इसी के परिणामस्वरूप कुल 71,501 वादों का निपटारा संभव हो सका, जो पिछली लोक अदालत की तुलना में 4,367 अधिक है।
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