31 दिसंबर को रामलला के प्राण-प्रतिष्ठा की दूसरी वर्षगांठ है। इसके आयोजन को लेकर तैयारियां शुरू हो गई हैं। मेहमानों के नामों पर मंथन चल रहा है। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपतराय रविवार को नई दिल्ली से अयोध्या लौट आए। सूत्रों के अनुसार, उन्होंने प्राण प्रतिष्ठा समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को मुख्य अतिथि बनने का आग्रह किया है। इसी संबंध में एक आधिकारिक पत्र भी सौंपा गया है। चर्चा है कि राष्ट्रपति मुर्मू ने आमंत्रण को औपचारिक रूप से स्वीकार कर लिया है, हालांकि अधिकृत घोषणा भारत सरकार की ओर से की जाएगी। फिलहाल तैयारियां उसी दिशा में आगे बढ़ाई जा रही हैं। रक्षा मंत्री और गृह मंत्री को भी भेजा जाएगा आमंत्रण इसके अलावा आयोजन में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के आने की भी संभावना है। तीर्थ क्षेत्र की ओर से केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को भी औपचारिक आमंत्रण भेजा गया है। खास बात यह है कि रामलला प्राण-प्रतिष्ठा के बाद अब तक रक्षा मंत्री और गृह मंत्री अयोध्या नहीं आए हैं। आयोजन की रूपरेखा पर अंतिम फैसला तीर्थ क्षेत्र कार्यकारिणी की बैठक में होगा। 13 दिसंबर को होगी बैठक कार्यकारिणी की बैठक 13 दिसंबर को मणिराम छावनी में महंत नृत्यगोपाल दास की अध्यक्षता में दोपहर 3 बजे आयोजित होगी। महासचिव चंपतराय ने सभी सदस्यों को व्हाट्सऐप के जरिए सूचना भेज दी है। इस बार प्रतिष्ठा द्वादशी के अवसर पर राम मंदिर के दूसरे तल पर ‘रामनाम’ मंदिर की स्थापना की जाएगी। साथ ही जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी विजयेन्द्र सरस्वती द्वारा पूजित श्रीराम यंत्र की प्रतिष्ठा होगी। दूसरे तल पर देश की विभिन्न भाषाओं में रचित रामायण की पांडुलिपियों का संरक्षण किया जाएगा। उधर, कार्यक्रम से पूर्व परकोटे के छहों मंदिरों के शिखरों पर ध्वजारोहण भी प्रस्तावित है। मई 2024 में राष्ट्रपति कर चुकी है राम मंदिर में दर्शन प्राण प्रतिष्ठा के बाद राष्ट्रपति मुर्मू मई 2024 में अयोध्या पहुंची थी, राम लला का दर्शन किया था। हनुमानगढ़ी में बजरंगबली की पूजा अर्चना करने के बाद सरयू आरती में भी सम्मलित हुई थी। यह पहला मौका होगा जब राष्ट्रपति मुख्यअतिथि के रूप में राममंदिर में रहेगी।
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