अयोध्या में मंगलवार सुबह इतिहास का वह पल दर्ज हुआ, जिसे करोड़ों लोगों ने वर्षों तक प्रतीक्षा और आस्था के साथ संजोकर रखा था। श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के शिखर पर धर्म ध्वजा फहराते ही पूरी रामनगरी में अद्भुत ऊर्जा का संचार हुआ। सूर्योदय के साथ शुरू हुई पवित्र बेला शाम ढलने तक धार्मिक उल्लास में डूबी रही। सनातन की प्रतीक ध्वजा, देशभर में उत्सव का माहौल ध्वजारोहण के साथ ही मंदिर परिसर में मौजूद श्रद्धालुओं ने “जय श्रीराम” के नारों से आकाश गुंजा दिया। धर्माचार्यों का कहना है कि यह ध्वज सिर्फ एक मंदिर का प्रतीक नहीं, बल्कि सनातन संस्कृति की शीलता, सत्य और पराक्रम का संदेश है। बीजेपी ने कहा—‘स्वर्णिम क्षण’ बीजेपी नेताओं ने ध्वजारोहण को “नए युग की शुरुआत” बताते हुए कहा कि यह क्षण करोड़ों रामभक्तों के सपने का साकार रूप है। पार्टी प्रवक्ताओं ने इसे “भारत की आत्मा और धार्मिक विरासत का उदय” बताया। विपक्ष ने उठाए सवाल, कहा:धार्मिक आयोजन का राजनीतिकरण ध्वजारोहण के बीच विपक्षी दलों ने कार्यक्रम में ‘चयनात्मक निमंत्रण’ और सुरक्षा प्रतिबंधों पर सवाल उठाए। कुछ नेताओं ने कहा कि धार्मिक आयोजन को राजनीति से दूर रखना चाहिए, वहीं स्थानीय नेताओं ने पास वितरण की प्रक्रिया पर आपत्ति जताई। अयोध्या में सुरक्षा कड़ी, शाम होते ही हटे प्रतिबंध सुबह से कड़ी सुरक्षा के बीच शहर में कई प्रतिबंध लगाए गए थे, जो शाम को हटने के बाद रौनक फिर चरम पर लौट आई। हर गली और चौबारे पर दीप, झांकी और धार्मिक कार्यक्रमों ने उत्सव का रंग भर दिया। देशभर में डिजिटल उत्सव सोशल मीडिया, यूट्यूब और डिजिटल प्लेटफॉर्म पर ध्वजारोहण के लाइव विजुअल्स ने रिकॉर्ड व्यूज बटोरे। लाखों लोगों ने इसे “21वीं सदी का सबसे बड़ा धार्मिक क्षण” करार दिया।
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