राम मंदिर के चार प्रमुख प्रवेश द्वारों में से तीसरा उत्तरी प्रवेश द्वार भी बनकर तैयार हो गया है। इस द्वार का नाम आदि गुरु रामानुजाचार्य प्रवेशद्वार रखा गया है। हालांकि इस द्वार से फिलहाल आम लोगों के लिए आवागमन शुरू नहीं हुआ है। यह मार्ग मुख्य रूप से वीवीआईपी प्रवेश के लिए इस्तेमाल किया जाएगा। उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम (यूपीआरएनएन) के इंजीनियरों के मुताबिक, उत्तरी द्वार की संरचना पूरी हो चुकी है और अब केवल नया गेट लगाए जाने का कार्य शेष है। पहले यहां स्टील का गेट लगाया गया था, लेकिन भवन निर्माण समिति के चेयरमैन नृपेन्द्र मिश्र व अन्य सदस्यों को निरीक्षण के दौरान इसकी डिजाइन पसंद नहीं आई। इसके बाद इसे हटाकर टाइटेनियम धातु का नया गेट लगाने का निर्णय लिया गया। टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) के आर्किटेक्टों ने नए गेट की डिजाइन तैयार कर समिति के समक्ष प्रस्तुत की, जिसे मंजूरी मिल गई। इसके लिए भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय के उपक्रम मिश्र धातु निगम लिमिटेड (मिधानी) से टाइटेनियम की आपूर्ति कराई गई। परियोजना से जुड़े अभियंताओं ने बताया कि टाइटेनियम के उपयोग से गेट की लागत पहले की तुलना में तीन गुना से अधिक बढ़ गई है। जहां लोहे के गेट की कीमत लगभग 5 लाख रुपये थी, वहीं नया टाइटेनियम गेट 16 लाख रुपये में तैयार होगा। राम मंदिर के प्रस्तावित सभी प्रवेश द्वारों पर इसी धातु के गेट लगाने का निर्देश दिया गया है। ध्वजारोहण समारोह की प्राथमिकता को देखते हुए आदि गुरु शंकराचार्य प्रवेशद्वार का काम पहले पूरा किया गया था। इसका फिनिशिंग कार्य लगभग समाप्त हो चुका है। अब अगला चरण क्रासिंग थ्री, यानी आदि गुरु माध्वाचार्य प्रवेशद्वार के निर्माण का है, जहां अगले सप्ताह से कार्य शुरू होने की संभावना है। तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की बैठक कल, आज आएंगे प्रमुख सदस्य इस बीच, राम मंदिर निर्माण से जुड़ी भवन-निर्माण समिति की तीन दिवसीय बैठक शुक्रवार से शुरू होगी। समिति चेयरमैन नृपेन्द्र मिश्र आज अपराह्न अयोध्या पहुंचेंगे। वहीं, श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की कार्यकारिणी बैठक शनिवार को दोपहर तीन बजे मणिराम छावनी में आयोजित होगी। इस बैठक में महंत नृत्यगोपाल दास की अध्यक्षता में कई प्रमुख संत, ट्रस्टी और अधिकारी शामिल होंगे।
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