सामाजिक विसंगतियों और मानवीय संवेदनाओं पर आधारित नाटक ‘डर और पीपल का पेड़’ का मंचन गुरुवार को राय उमानाथ बली सभागार में किया गया। अमुक आर्टिस्ट ग्रुप के कलाकारों ने रजत रानी ‘मीनू’ और उर्मिला शिरीष की दो कहानियों पर आधारित इस नाटक को प्रस्तुत किया। नाटक का निर्देशन और रंगआलेख वरिष्ठ रंगकर्मी अनिल मिश्रा ‘गुरुजी’ ने तैयार किया था। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कर्नल जीपीएस कौशिक रहे, जिन्होंने अनिल मिश्रा के रंगमंच में योगदान के बारे में बताया । इस अवसर पर अमुक आर्टिस्ट ग्रुप ने प्रतिष्ठित रंगकर्मी सोनल ठाकुर को ‘रंगाचार्य डॉ. विश्वनाथ मिश्र स्मृति सम्मान 2025’ से सम्मानित किया। कहानी महिला के संघर्षपूर्ण जीवन को दर्शाती है.. अनिल मिश्रा ने बताया कि दोनों कहानियां महिला केंद्रित हैं। रजत रानी ‘मीनू’ की कहानी ‘डर’ एक दलित महिला के संघर्षपूर्ण जीवन को दर्शाती है। इसमें झाड़ू-पोछा कर अपने बच्चे को पढ़ाने वाली मां की संवेदनशीलता और बेटे के प्रति उसकी निष्ठा को मंच पर जीवंत रूप में प्रस्तुत किया गया। उर्मिला शिरीष की दूसरी कहानी ‘पीपल का पेड़’ पति-पत्नी के रिश्ते, समर्पण और जीवन की कठिनाइयों पर केंद्रित है। कहानी में महत्वपूर्ण मोड़ तब आता है, जब पति की मृत्यु के बाद यह पता चलता है कि उसने अपनी पत्नी के नाम 6 एकड़ जमीन की व्यवस्था की थी। कलाकारों ने मंच पर अपनी छाप छोड़ी नाटक में विष्णु पाण्डेय, अनामिका सिंह, अर्चना जैन, नीरज शब्द, शशांक पाण्डेय, निशान्त पाण्डेय, अभिषेक दुबे, वर्षा कुमारी, ज्योति गुप्ता, प्रियंका सारस्वत, शोभित राजपूत, रवि कश्यप, छवि श्रीवास्तव और मोनिका अग्रवाल ने उत्कृष्ट अभिनय किया। 19 दिसंबर को ‘शहीदों की ओर चलो’ यात्रा मुख्य अतिथि कर्नल कौशिक ने सोनल ठाकुर के रंगकर्म की सराहना करते हुए कहा कि उनका कार्य संवेदनशील और जनसरोकार से जुड़ा है। उन्होंने तीन दशकों से अधिक समय तक नुक्कड़ नाटक, रंगमंच और मीडिया में सराहनीय योगदान दिया है।इस कार्यक्रम के साथ ही, काकोरी कांड के अमर शहीदों की स्मृति में ‘शहीदों की ओर चलो’ यात्रा का आयोजन किया जाएगा। यह यात्रा 19 दिसंबर 2025 को सुबह 9:50 बजे सुभाष चौक से शुरू होकर काकोरी शहीद स्मारक तक जाएगी।
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