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रक्षामंत्री पहुंचे कानपुर के DMSRDE:सेना के लिए बनी बुलेट प्रूफ जैकेट, ब्रम्होस मिसाइल के ईंधन और परमाणु सूट को सराहा

कानपुर में रविवार दोपहर को जीटी रोड कैंट स्थित रक्षा सामग्री एवं भंडार अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान (DMSRDE) में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह पहुंचे। इस दौरान उन्होंने यहां के अफसरों के साथ बैठक की। इसके साथ ही सेना के लिए तैयार किए गए आधुनिक उत्पादों को देखा। अफसरों ने सेना के लिए बनाए गए एन उत्पादों की जानकारी पीपीटी के जरिए दी। इसके बाद वह यहां से एक निजी कार्यक्रम में शामिल होने के लिए रवाना हो गए। सेना के लिए बने उत्पादों को रक्षामंत्री ने देखा रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने डीएमएसआरडीई की लैब, रक्षा सामग्री और भंडार का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने प्रयोगशाला में चल रहे अत्याधुनिक रक्षा सामग्री, अनुसंधान और नवाचारों को देखा।निदेशक ने रक्षा मंत्री को प्रयोगशाला के विज़न, मिशन, चार्टर, चल रही परियोजनाओं और प्रौद्योगिकी केंद्रित क्षेत्रों के बारे में जानकारी दी। संस्थान की ओर से बनाए गए सिरेमिक और सिरेमिक मैट्रिक्स कंपोजिट, स्टील्थ और कैमोफ्लेज सामग्री, नैनो सामग्री, कोटिंग्स, पॉलिमर और रबर, ईंधन और स्नेहक, तकनीकी वस्त्र और व्यक्तिगत सुरक्षा प्रणालियों में विकसित सामग्री, प्रौद्योगिकियों और उत्पादों को भी देखने के बाद सराहा। रक्षामंत्री ने विशेष रूप से बुलेटप्रूफ जैकेट (स्तर-6), ब्रह्मोस मिसाइल के लिए नैफ्थिल ईंधन, भारतीय तटरक्षक जहाजों के लिए उच्च दाब पॉलीमेरिक झिल्ली, सिलिकॉन कार्बाइड फाइबर, सक्रिय कार्बन फैब्रिक-आधारित रासायनिक, जैविक, रेडियोलॉजिकल और परमाणु सूट तथा विभिन्न अन्य स्टील्थ उत्पादों के सफल निर्माण में प्रयोगशाला के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि प्रौद्योगिकी विकास को अंतिम उपयोगकर्ता की आवश्यकताओं के अनुरूप होना चाहिए। आत्मनिर्भर भारत का सपना होगा साकार रक्षा मंत्री ने सरकार के ‘आत्मनिर्भर भारत’ के सपने को साकार करने के लिए पिछले दो वर्षों में बड़ी संख्या में प्रौद्योगिकियों के हस्तांतरण के लिए डीएमएसआरडीई की सराहना की। उन्होंने विकसित रक्षा उत्पादों/प्रौद्योगिकियों की निर्यात संभावनाओं का पता लगाने का आह्वान किया और कहा कि उद्योगों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए डीटीटीसी, लखनऊ में एमएसएमई और उद्योगों के बीच बातचीत बढ़ाई जानी चाहिए। उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के 2047 तक विकसित भारत के सपने को साकार करने में उद्योग और शिक्षा जगत के साथ प्रयोगशाला के बढ़ते तालमेल की सराहना की। विभाग (अनुसंधान एवं विकास) के सचिव एवं डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ. समीर वी. कामत ने उनका स्वागत किया।


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