उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी की प्रादेशिक संगीत प्रतियोगिता का पहला चरण 1 से 3 दिसंबर तक अकादमी के संत गाडगे जी ऑडिटोरियम में शुरू हो गया है। सोमवार को प्रतियोगिता के पहले दिन स्वर वाद्यों की विभिन्न श्रेणियों में बाल, किशोर और युवा प्रतिभागियों ने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। प्रतियोगिता के दूसरे दिन मंगलवार को अवनद्ध वाद्यों की प्रतिस्पर्धा होगी, जिसमें तबला और पखावज के कलाकार भाग लेंगे। अंतिम दिन कथक नृत्य की प्रतियोगिता आयोजित की जाएगी। गायन का दूसरा सत्र 8 से 11 दिसंबर तक चलेगा। इस वर्ष 1100 प्रतिभागी हिस्सा ले रहे हैं.. अकादमी के अध्यक्ष प्रो. जयंत खोत ने बताया कि अकादमी शास्त्रीय और सुगम संगीत की संभागीय और प्रादेशिक प्रतियोगिताओं का आयोजन करती है। इसका उद्देश्य प्रतिभाओं को मंच प्रदान करना और बच्चों में नृत्य, गायन तथा वादन के संस्कार विकसित करना है। उन्होंने जानकारी दी कि वर्ष 2024-25 में 18 संभागों के 21 केंद्रों पर लगभग 900 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया था, जबकि 2025-26 में यह संख्या बढ़कर 1100 हो गई है। इस वर्ष लखीमपुर और फर्रुखाबाद को दो नए केंद्र के रूप में जोड़ा गया है। उद्घाटन सत्र का संचालन समरीन ने किया। इस अवसर पर प्रो. जयंत खोत, उपाध्यक्ष विभा सिंह और निदेशक डॉ. शोभित कुमार नाहर ने आमंत्रित निर्णायकों के साथ मिलकर मंगल दीपक प्रज्वलित किया। निर्णायकों में गाजियाबाद के बांसुरी वादक अतुल शंकर, दिल्ली की सारंगी वादक गौरी बनर्जी सति और देहरादून के सितार वादक अग्नि वर्मा शामिल थे। कार्यक्रम में विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन प्रतियोगिता में बाल वर्ग में वाराणसी के शिवांश सिंह ने विचित्र वीणा पर राग भूपाली प्रस्तुत किया, जबकि प्रयागराज के अशित सांई ने मैंडोलिन पर राग अहीर भैरव से दर्शकों को प्रभावित किया। किशोर वर्ग में ग्रेटर नोएडा के आंजनेय जोशी और मुरादाबाद के सृजन ने बांसुरी वादन से अपनी कला का प्रदर्शन किया। युवा वर्ग में प्रयागराज के शाश्वत गिरधर और सहारनपुर की निकिता सिंह ने सितार वादन और सरोद प्रदर्शन से अपनी कला का परिचय दिया।
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