यूपी के मौसम में उतार चढ़ाव जारी है। प्रदेश में हवाओं का रुख फिर से बदल गया। मौसम विभाग का कहना है कि प्रदेश में अब पहाड़ों से आ रही पछुआ की जगह, अरब सागर से आ रही दक्षिणी पछुआ चलने लगी है। प्रदेश में कानपुर की रात सबसे ठंडी रही है। यहां का न्यूनतम तापमान 4.2°C दर्ज किया गया है। यह अब तक सीजन का सबसे कम तापमान है। मुरादाबाद में कोहरे के चलते दृश्यता कम रही। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि मौसमी गतिविधियां बदल रही हैं। पारा अभी और नीचे जाएगा। 4 दिन में 3-4 डिग्री गिरा पारा
आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र लखनऊ के वरिष्ठ वैज्ञानिक अतुल कुमार सिंह ने बताया- पश्चिमी विक्षोभ से ऊपरी हिमालयी क्षेत्र में बर्फबारी और बारिश होने लगी है इसका असर भी गंगा के मैदानी इलाकों में आएगा। प्रशांत महासागर की सतह पर होने वाली जलवायु गतिविधि ला-नीना सक्रिय हो गई है। इसमें महासागर की सतह सर्द पड़ जाती है। ठंडी हवाएं चलने लगती हैं। 3 तस्वीरें देखिए…. ठंड में पाले से फसलों को भारी नुकसान का खतरा
कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक डॉक्टर के एस यादव बताते हैं कि दिसंबर महीने के अंत में या फरवरी महीने की शुरुआत में सबसे अधिक पाला पड़ने की संभावना होती है। जब पाला पड़ता है तो उसके लिए जो ओस की बूंद होती है।पेड़ों का पानी होता है। तापमान कम होने पर बर्फ के रूप में परिवर्तित हो जाता है। जिससे पौधे की कोशिकाएं फट जाती है जिसकी वजह से फसल को नुकसान होता है। दूसरा किसान भाई अगर आपकी फसल में स्प्रिंकलर से या सीधा पाइप के माध्यम से खेत की सिंचाई कर देते हैं तो इसे अंदर का तापमान गर्म हो जाता है फिर पाला का असर नहीं होता है। इसमें सब्जी छोटी पौधों और चना मसूर की फसल का बचाव होता है। कृषि वैज्ञानिक के अनुसार जब तापमान अपने न्यूनतम स्तर पर पहुंच जाता है। दिसंबर के अंत में पाला पड़ने की आशंका
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