इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आदेश दिया है कि मृतक आश्रित कोटे के तहत भर्ती दरोगाओं/इंस्पेक्टरों को ट्रेनिंग के पीरिएड का पूरा वेतन दिया जाए। साथ ही कोर्ट ने कहा कि प्रमोशन में भी ट्रेनिंग पीरिएड को जोड़ा जाए। हाईकोर्ट का यह आदेश उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जोन, नोएडा एनसीआर, गाजियाबाद, मेरठ जोन, आगरा जोन, गोरखपुर जोन, कानपुर जोन, बरेली जोन एवं वाराणसी जोन के विभिन्न जनपदो में तैनात पुलिस इंस्पेक्टरों, दरोगाओं पर लागू होगा। आदेश में कहा गया है कि उनकी ट्रेनिंग / प्रशिक्षण की अवधि सेवाओं में जोड़ते हुए वेतन वृद्धि प्रदान किया जाए। साथ ही सातवें वेतन आयोग के समस्त लाभ (पुर्नरीक्षित वेतन मान) एरियर के साथ दें। ट्रेनिंग / प्रशिक्षण की अवधि की सैलरी / वेतन देने के सम्बन्ध में, अपर पुलिस महानिदेशक, कार्मिक एवं स्थापना, डीजीपी हेडक्वार्टर उत्तर प्रदेश लखनऊ को निर्देशित किया गया है। उत्तर प्रदेश पुलिस के मृतक आश्रित कोटे के तहत वर्ष 2010-11 बैच में भर्ती दरोगाओं/ इंसपेक्टरों ने याचिका दाखिल कर उनकी ट्रेनिंग की अवधि की सैलरी देने के सम्बन्ध में एवं ट्रेनिंग की अवधि को उनकी सेवाओं में जोड़ते हुये वेतन वृद्धि प्रदान किये जाने के सम्बन्ध में हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। याचिका को अन्तिम रूप से निस्तारित करते हुये हाईकोर्ट ने अपर पुलिस महानिदेशक, कार्मिक एवं स्थापना, डीजीपी हेडक्वार्टर, उत्तर प्रदेश लखनऊ को निर्देशित किया है कि दो माह के अन्दर याचीगणों के प्रकरण में ट्रेनिंग की अवधि का वेतन दिये जाने के सम्बन्ध में तथा ट्रेनिंग / प्रशिक्षण की अवधि को सेवाओं में जोड़ते हुये वेतन वृद्धि प्रदान करने तथा सातवें वेतन आयोग के समस्त लाभ (पुर्नरीक्षित वेतन मान) एरियर के साथ देने के सम्बन्ध में नियम एवं कानून के तहत आदेश पारित करें। यह आदेश जस्टिस अजीत कुमार ने रामचन्द्र दूबे पुलिस इंस्पेक्टर एवं 60 अन्य पुलिस इंस्पेक्टरों द्वारा सामुहिक रूप से दाखिल की गई याचिका पर दिया है। याचिका पर वरिष्ठ अधिवक्ता विजय गौतम का तर्क था कि याचियों के समकक्ष के अन्य दरोगाओं व इंस्पेक्टरों को ट्रेनिंग के पीरियड की अवधि के वेतन एवं भत्ते प्रदान किये गये है जबकि याचियों को प्रशिक्षण की अवधि में स्टाइपेंड प्रतिमाह प्रदान किया गया है एवं याचीगणों की ट्रेनिंग की अवधि को उनकी सेवाओं में नहीं जोड़ा गया है। कहा गया कि याचीगणों को अतिरिक्त वेतनवृद्धि ट्रेनिंग का पीरियड जोड़ते हुये नहीं प्रदान की गयी है। याचियों के वरिष्ठ अधिवक्ता की दलील थी कि उक्त प्रकरण में हाईकोर्ट ने स्पेशल अपील आलोक कुमार सिंह व अन्य में यह विधि का सिद्धान्त प्रतिपादित किया है कि सीधी भर्ती एवं मृतक आश्रित कोटे के तहत भर्ती द्वारा चयनित दरोगाओं को भी ट्रेनिग की पीरियड की अवधि में सैलरी दी जायेगी। परन्तु इस आदेश का अनुपालन नहीं किया जा रहा है। कहा गया कि विशेष अपील में पारित आदेश के विरुद्ध राज्य सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय में एसएलपी योजित की थी जो कि खारिज कर दी गयी । तत्पश्चात् उ प्र शासन लखनऊ के आदेश 29 मार्च 2022 द्वारा याचीगणों के समकक्ष के दरोगाओं एवं इंस्पेक्टरों को प्रशिक्षण की अवधि की सैलरी प्रदान किये जाने की अनुमति प्रदान की गयी। परन्तु याचीगणों के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है।
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