उत्तर प्रदेश में कोडीनयुक्त कफ सिरप और नारकोटिक्स की अवैध बिक्री पर लगाम कसने के लिए खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने बड़ा कदम उठाया है। आयुक्त डॉ. रोशन जैकब ने सभी औषधि निरीक्षकों को कड़े निर्देश जारी करते हुए फर्जी फर्मों, फर्जी बिलिंग और अवैध भंडारण में लिप्त संचालकों पर तुरंत कार्रवाई करने को कहा है। आयुक्त ने कहा है कि जिले के सभी औषधि निरीक्षक सुनिश्चित करें कि निर्देशों का पालन सख्ती से हो चूक की स्थिति में जिम्मेदारी तय होगी। फर्जी लाइसेंस, अवैध भंडारण-DM ने बेनकाब की पूरी चेन कोडीनयुक्त कफ सिरप और अन्य मनःप्रभावी औषधियों के अवैध व्यापार पर रोक लगाने के लिए चलाए गए विशेष अभियान के बाद प्रदेश सरकार ने अब पहले से भी अधिक कठोर कार्रवाई की तैयारी कर ली है। इसी क्रम में खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन की आयुक्त डॉ. रोशन जैकब ने प्रदेश के सभी औषधि निरीक्षकों को विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए हैं।बीते एक महीने में की गई छापेमारी में यह साफ हो गया कि फर्जी लाइसेंस, किराए के पते, खाली कमरों और बिना भंडारण वाली फर्मों के जरिए कोडीन सिरप का धंधा बड़े पैमाने पर चल रहा था। कई जिलों में एनडीपीएस और भारतीय न्याय संहिता की गंभीर धाराओं में केस भी दर्ज हुए हैं। फर्जी फर्में और खाली कमरे बने ‘बिलिंग प्वाइंट’, लाइसेंस का खुला दुरुपयोग निरीक्षण के दौरान जो तस्वीर सामने आई, उसने विभाग को सख्त रुख अपनाने पर मजबूर कर दिया। कई थोक विक्रेता लाइसेंस पर चल रहे प्रतिष्ठान सिर्फ कागजों तक सीमित पाए गए कुछ स्थानों पर केवल एक मेज-कुर्सी रखकर फर्जीवाड़ा किया जा रहा था।कई लाइसेंसी पते पूरी तरह आवासीय निकले, जहां दवा का भंडारण तो दूर, कोई औषधि संबंधी गतिविधि ही नहीं थी।यह भी सामने आया कि कई फर्में कम्पीटेंट व्यक्ति यानी फार्मासिस्ट की मौजूदगी के बिना ही बिक्री कर रही थीं। ऐसे प्रतिष्ठान कोडीनयुक्त सिरप का अवैध ‘बिलिंग प्वाइंट’ बनकर काम कर रहे थे, जिससे नशे की आपूर्ति सीधे बढ़ रही थी। युवाओं में नशे का बढ़ता खतरा, इसलिए सख्ती जरूरी: आयुक्त आयुक्त डॉ. रोशन जैकब ने आदेश में कहा है कि कोडीन आधारित कफ सिरप का गलत उपयोग युवाओं में नशे की गहरी प्रवृत्ति को बढ़ावा देता है। यह न केवल स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है, बल्कि सामाजिक ताना-बाना भी प्रभावित करता है। इसलिए अवैध व्यापार, इंटर-स्टेट तस्करी और विचलन पर पूरी तरह रोक लगाना विभाग की सर्वोच्च प्राथमिकता है। गंभीर अनियमितता मिली तो लाइसेंस निरस्त होगा-फाइनल चेतावनी आयुक्त ने स्पष्ट आदेश दिया है कि नियमित निरीक्षण, रोस्टर तैयार-जमीनी स्तर पर बदलेगी तस्वीर विभाग ने सभी निरीक्षकों को थोक विक्रेताओं का क्रय-विक्रय सत्यापन, भंडारण की जांच, लाइसेंस पते का भौतिक निरीक्षण और रिकॉर्ड की स्क्रूटनी नियमित रूप से करने का निर्देश दिया है। इसके लिए रोस्टर तैयार कर हर जिले में बड़े पैमाने पर कार्रवाई की जाएगी। अभियान जारी रहेगा, बड़े नेटवर्क पर भी कार्रवाई की तैयारी पिछले महीने की गई कार्रवाई में कई राज्यों तक पहुंचने वाले कनेक्शन मिले हैं। विभाग इन्हें भी ट्रैक कर रहा है और जल्द ही अंतर-राज्यीय स्तर पर बड़ी कार्रवाइयों की उम्मीद है।
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