फिरोजाबाद में मौसेरे भाई की हत्या के मामले में दोषी को न्यायालय ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। दोषी पर एक लाख रुपये का अर्थदंड भी लगाया गया है। इसके अतिरिक्त, आर्म्स एक्ट के तहत तीन वर्ष का कारावास और 10 हजार रुपए का अर्थदंड भी दिया गया है। यह मामला मटसेना थाना क्षेत्र का है, जो 4 फरवरी 2020 का है। रामसहाय ने थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी कि उनके बेटे अजय कुमार की भूरा उर्फ भूरी सिंह से पुरानी रंजिश थी। 4 फरवरी 2020 की रात करीब आठ बजे भूरा ने अपने साथियों के साथ मिलकर मरघटी तालाब के पास अजय कुमार की चाकू से गोदकर और गोली मारकर हत्या कर दी थी। पुलिस ने घटना के चार दिन बाद आरोपी भूरा को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। जांच पूरी होने के बाद विवेचक ने भूरा उर्फ भूरी सिंह के खिलाफ न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया। इस मामले की सुनवाई अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट संख्या-दो के न्यायाधीश सर्वेश कुमार पांडेय की अदालत में हुई। अभियोजन पक्ष की ओर से एडीजीसी क्राइम अवधेश कुमार शर्मा ने पैरवी की। न्यायालय ने साक्ष्य और गवाहों के बयानों के आधार पर भूरा को दोषी पाया। उसे हत्या के मामले में आजीवन कारावास और एक लाख रुपये के अर्थदंड से दंडित किया गया। आर्म्स एक्ट के मामले में तीन वर्ष का साधारण कारावास और 10 हजार रुपये का अर्थदंड सुनाया गया है। दोनों सजाएं एक साथ चलेंगी। यदि अर्थदंड का भुगतान नहीं किया जाता है, तो दोषी को 13 माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। एडीजीसी अवधेश कुमार शर्मा ने बताया कि मृतक अजय और दोषी भूरा उर्फ भूरी सिंह सगे मौसेरे भाई थे। उनके बीच 20 हजार रुपये के लेन-देन को लेकर विवाद चल रहा था। इसी खुन्नस में भूरा ने अजय की चाकू से गोदकर और गोली मारकर हत्या कर दी थी।
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