उन्नाव में बेहद ही मार्मिक मामला सामने आया है, जहां अपने पहले बच्चे की किलकारी सुनने से पहले ही 29 साल के पिता ने सुसाइड कर लिया। पारिवारिक तनाव के चलते उसने खेत में फांसी लगा ली। जहां एक ओर पिता का अंतिम संस्कार हो रहा था, वहीं दूसरी ओर प्रसव के लिए पत्नी अस्पताल में भर्ती थी। अंतिम संस्कार से महज 7 घंटे के बाद मृतक पिता के पहले बच्चे की किलकारी गूंजी। सुसाइड से केवल 34 घंटे के बाद ही उसके पहले बच्चे ने अस्पताल में जन्म लिया। शादी के महज 10 महीने में ही पति की मौत की खबर सुनकर पत्नी बेसुध हो गई है। बोल तक नहीं पा रही है। पति की मौत के कारण मां बनने की खुशी भी फीकी पड़ गई है। वह अपने बच्चे को सीने से लगाए लगातार रोती रहीं—परिजन भी उन्हें संभाल नहीं पा रहे थे। मामले को लेकर लड़के के घरवाले और मायके पक्ष के लोग एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं। घर वालों का कहना है बेटे ने ससुर की प्रताड़ना से तंग आकर सुसाइड किया, जबकि सुसराल पक्ष का कहना है- दामाद ने बेटे के प्रसव के लिए पिता से पैसे मांगे थे, पर उन्होंने इनकार करते हुए कहा- एक भी पैसा नहीं दूंगा, चाहे जहां जाकर मर जाओ। फिलहाल ससुराल पक्ष की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर पुलिस मामले की जांच कर रही है। घटना जिला मुख्यालय से 15 किलोमीटर दूर गंगाघाट कोतवाली क्षेत्र की है। 3 तस्वीरें देखिए… पूरा मामला विस्तार से पढ़िए…
गंगाघाट कोतवाली क्षेत्र के लालताखेड़ा गांव निवासी लालू प्रसाद के बेटे बेचेलाल (29) की 10 महीने पहले मार्च 2025 में लोधनहार गांव के रहने वाले बच्चूलाल की बेटी काजल से हुई थी। बेचेलाल मजदूरी करके परिवार का भरण-पोषण करता था। शादी के एक महीने के बाद ही काजल गर्भवती हो गई। मंगलवार को उसका प्रसव होना था। पत्नी को सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया था। साले शिवम ने बताया- आर्थिक तंगी के कारण बेचेलाल ने पिता लालू प्रसाद से प्रसव के लिए पैसे मांगे। पर उन्होंने साफ इनकार करते हुए कहा- एक ही पैसा नहीं दूंगा, चाहे कहीं पर जाकर मर जाओ। इस बात से आहत होकर सोमवार शाम 4 बजे बेचेलाल ने घर से डेढ़ किलोमीटर दूर खेत में पेड़ से लटककर फांसी लगा ली। परिजनों की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची। मंगलवार को पोस्टमॉर्टम के बाद परिजनों को शव सुपुर्द किया गया। मंगलवार शाम करीब 5 बजे बेचेलाल का अंतिम संस्कार हुआ। एक तरफ अंतिम संस्कार, दूसरी तरफ पत्नी अस्पताल में भर्ती
बेचेलाल की पत्नी काजल नौ महीने की गर्भवती थीं। पति की मौत की जानकारी मिलते ही वह बदहवास होकर परिजनों के साथ पोस्टमार्टम हाउस पहुंचीं। इसी दौरान रात में उनकी तबीयत अचानक बिगड़ी और प्रसव पीड़ा शुरू हो गई। परिजन तुरंत उन्हें उमाशंकर दीक्षित जिला अस्पताल, 15 किमी दूर, लेकर पहुंचे। एक तरफ जहां बेचेलाल की अर्थी उठ रही थी, वहीं दूसरी ओर पत्नी काजल अस्पताल में प्रसव पीड़ा से तड़प रही थी। एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप
पिता लालू प्रसाद का आरोप है कि बेचेलाल को उसके ससुराल पक्ष से काफी प्रताड़ित किया जाता था। पैसे की लंगी को लेकर उलाहना दी जाती थी। पत्नी भी महंगी डिमांड करती थी। पूरा न करने पर ताने देती थी। इसी विवाद के चलते वह कुछ दिन पहले अपने मायके चली गई थी। बेचेलाल की मानसिक स्थिति खराब हो गई थी। वहीं ससुर बच्चूलाल ने बताया- मेरे दामाद की मानसिक स्थिति खराब नहीं थी। बच्चे को लेकर वह काफी खुश था। पत्नी से भी अच्छे संबंध थे। पिता और बहनोई से विवाद था। बहनोई भड़काता था, जिसके कारण पिता उसे एक भी पैसा नहीं देता था। पत्नी के प्रसव के लिए पैसे मांगे थे, पर नहीं दिए। उल्टे सुसाइड के लिए उकसाया। साले शिवम ने बताया- मेरी बहन ससुराल में ही थी, मायके में होने का आरोप झूठा है। उसे ससुराल के गांव की ही आशा बहू ने सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया था। ————————————– ये खबर भी पढ़िए… प्रयागराज में रिश्वतखोर बाबू को पकड़ने पहुंचे अधिकारियों को पीटा:एंटी करप्शन टीम ने रंगे-हाथ पकड़ा, साथियों ने छुड़ाने के लिए हमला किया प्रयागराज में एंटी करप्शन टीम के अधिकारियों पर हमला हुआ है। टीम ने मंगलवार दोपहर करीब 3 बजे प्रयागराज विकास प्राधिकरण (PDA) के एक बाबू को 8 हजार रुपए रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा। अधिकारी आरोपी बाबू को अपने साथ ले जाने लगे। तभी बाबू ने हंगामा कर दिया और शोर मचाने लगा। शोर सुनकर आरोपी के कई साथी कर्मचारी भी वहां पहुंच गए। रिश्वतखोर बाबू को छुड़ाने के लिए हाथापाई करने लगे। पढ़िए पूरी खबर…
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