नशामुक्ति केंद्र संचालक आशीष चौधरी और अधिवक्ता गोविंद मोहन शर्मा को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। इन दोनों पर 50 लाख रुपये की सुपारी लेकर एक डॉक्टर दंपती के खिलाफ सामूहिक दुष्कर्म का झूठा मुकदमा रचने की साजिश में शामिल होने का आरोप है। इस साजिश का मुख्य सूत्रधार पंकज मिश्रा है, जो खुद को फर्जी आईएएस अधिकारी का पीए बताकर लोगों से करोड़ों की ठगी करता था। सुल्तानपुर के गोसाईगंज निवासी पंकज की मुलाकात गोविंद मोहन शर्मा से जेल में हुई थी। गोविंद को वर्ष 2019 में हिस्ट्रीशीटर अमित मरिंडा द्वारा दर्ज कराए गए दुष्कर्म के एक मामले में जेल जाना पड़ा था। यहीं पर डॉक्टर बरखा और डॉक्टर माधवेंद्र को फंसाने की योजना बनी। पंकज मिश्रा ने गोविंद को झूठा दुष्कर्म केस दर्ज कराने के एवज में 50 लाख रुपये देने का लालच दिया। जेल से बाहर आने के बाद गोविंद ने अमित गिरोह से जुड़े दीपक पंजाबी, वीरेंद्र शर्मा और आशीष चौधरी से संपर्क किया और उन्हें भी इस साजिश में हिस्सेदारी का प्रस्ताव दिया। आरोप है कि दीपक पंजाबी नगर निगम कर्मचारी मुकुल जैन की पत्नी पर गलत नजर रखता था, जबकि वीरेंद्र शर्मा की तरुण मिलयानी से पुरानी रंजिश थी। इसलिए इन दोनों को भी झूठे मुकदमे में फंसाने की योजना बनाई गई। योजना के तहत, 17 जनवरी 2025 को भावनपुर की एक किशोरी से दुष्कर्म के मामले में विकास उर्फ बिट्टू के साथ डॉक्टर माधवेंद्र और मुकुल जैन को भी फंसा दिया गया। इस मामले की जांच सीओ कैंट नवीना शुक्ला को सौंपी गई, जिन्होंने पूरे षड्यंत्र का पर्दाफाश किया। इसके बाद नौचंदी थाने में संबंधित धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया। पुलिस के अनुसार, आशीष चौधरी और गोविंद मोहन शर्मा को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। दीपक पंजाबी और वीरेंद्र शर्मा की तलाश जारी है। मुख्य साजिशकर्ता पंकज मिश्रा पहले से ही जेल में बंद है और उसे इस मामले में भी रिमांड पर लिया जाएगा। पुलिस टीम ने बताया कि उनके पास मजबूत सबूत हैं और शेष आरोपितों को भी जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा। मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए अधिकारियों ने पूरी कार्रवाई पर कड़ी नजर रखी है।
https://ift.tt/QwxnsM4
🔗 Source:
Visit Original Article
📰 Curated by:
DNI News Live

Leave a Reply