मेरठ के कायस्थ गांवड़ी गांव में शांति निकेतन ट्रस्ट द्वारा अनुसूचित जाति के लोगों को आवंटित पट्टे गलत तरीके से ट्रस्ट के अध्यक्ष राज्यमंत्री सोमेंद्र तोमर द्वारा कराए जाने का आरोप समाजसेवी डॉ संदीप पहल द्वारा लगाया गया है। उनका कहना है कि मेरे पास सभी साक्ष्य हैं जो इस बाद को सिद्व कर सकते हैं कि यह सभी बैनामें फर्जी तरीके से कराए गए हैं। 1 दिन ही हुआ सारा काम संदीप पहल ने कहा कि ट्रस्ट के सभी बैनामों में 1 ही दिन एग्रीमेंट हुआ, साथ ही जमीन बेचने वाले सभी लोगों का मेडिकल भी एक ही दिन हुआ है। सभी फाइलों को ADM द्वारा दो ही दिन में अनुमति दे दी जाती है और इसके बाद एक ही दिन में सारे बैनामें भी हो गए। अनुमति से पहले ट्रस्ट ने खरीद लिए स्टांंप संदीप पहल ने कहा कि मेडिकल होने और ADM से अनुमति होने से एक दिन पहले ही सभी पट्टों के बैनामें के लिए स्टांप खरीद लिए गए। इसके साथ ही उसी दिन सभी स्टांप टाइप हो गए और 13 तारीख को एक ही दिन में सभी का बैनामा हो गया । ये पूरी प्रक्रिया इस बात को सिद्व करती है कि इस जमीन के पीछे बहुत बड़ा खेल हुआ है। संस्था पर कहा से आया पैसा उन्होंने कहा कि दो – तीन संस्थाओं द्वारा पिछले चार साल में 100 करोड से अधिक की जमीन खरीदी गई है। ऐसे में एक यह भी मुद्दा है कि इन संस्थाओं पर एक साथ इतनी जमीन को खरीदने के लिए ट्रस्ट के पास पैसा कहां से आया इसकी भी जांच होनी चाहिए। इसके भी साक्ष्य मेरे पास हैं और मैं जल्द ही सभी बाते सिद्व करूंगा। उनका आरोप है कि एक बैनामें में निजी अस्पताल का मेडिकल लगा है जो कि वैध नहीं माना जाता है। इसके बाद भी उसको अनुमति हुई और उसका बैनामा राज्यमंत्री सोमेंद्र तोमर की पत्नी के नाम कर दिया गया। ऐसे में अगर इस प्रकार गलत तरीके से काम किया जाएगा तो अन्य सरकारों और भाजपा की सरकार जो जीरो टालरेंस का दावा करती है उनमें क्या फर्क है।
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