मुरादाबाद में पश्चिमी उत्तर प्रदेश में इलाहाबाद हाईकोर्ट की बेंच स्थापित करने की मांग को लेकर अधिवक्ताओं ने मुरादाबाद लोकसभा सांसद रुचि वीरा के आवास का घेराव किया। उन्होंने सांसद को एक ज्ञापन भी सौंपा। यह प्रदर्शन हाई कोर्ट स्थापना केंद्रीय संघर्ष समिति पश्चिमी उत्तर प्रदेश के आह्वान पर दि बार एसोसिएशन एंड लाइब्रेरी, मुरादाबाद के नेतृत्व में किया गया। घेराव कार्यक्रम का नेतृत्व दि बार एसोसिएशन एंड लाइब्रेरी, मुरादाबाद के अध्यक्ष आनंद मोहन गुप्ता एडवोकेट और महासचिव कपिल गुप्ता एडवोकेट ने किया। अधिवक्ताओं ने सांसद रुचि वीरा से अनुरोध किया कि वह 1 दिसंबर से शुरू होने वाले संसद के शीतकालीन सत्र में इस मुद्दे को मजबूती से उठाएं। अधिवक्ताओं ने बताया कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश का एक बड़ा हिस्सा दशकों से न्यायिक सुविधाओं की कमी से जूझ रहा है। उन्होंने तर्क दिया कि इलाहाबाद हाईकोर्ट की दूरी सहारनपुर से लगभग 750 किलोमीटर और मैनपुरी से 450 किलोमीटर से अधिक है। तुलनात्मक रूप से, पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट चंडीगढ़, दिल्ली हाईकोर्ट, ग्वालियर पीठ (मध्य प्रदेश) और राजस्थान हाईकोर्ट की दूरी इलाहाबाद हाईकोर्ट की अपेक्षा आधी है। अधिवक्ताओं के अनुसार, पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हाईकोर्ट बेंच का न होना प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत और सस्ते व सुलभ न्याय की भावना के विपरीत है। महासचिव कपिल गुप्ता ने कहा कि संघर्ष समिति के आह्वान पर सांसद के आवास का घेराव कर ज्ञापन सौंपा गया है। उन्होंने यह भी बताया कि समिति के आगामी निर्देशों के अनुसार आंदोलन को और तेज किया जाएगा। अध्यक्ष आनंद मोहन गुप्ता ने जोर देकर कहा कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश की बड़ी आबादी न्यायिक कठिनाइयों का सामना कर रही है, और इसका एकमात्र समाधान हाईकोर्ट बेंच की स्थापना है। उन्होंने बताया कि अधिवक्ता इस मुद्दे पर आम जनता को भी साथ जोड़ने की रणनीति बना रहे हैं, क्योंकि यह केवल अधिवक्ताओं का नहीं बल्कि आम जनता का मुद्दा है, और एकजुट हुए बिना यह मांग पूरी नहीं हो सकेगी। इस अवसर पर बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष आदेश श्रीवास्तव, पूर्व महासचिव राकेश कुमार वशिष्ठ, राकेश जौहरी, भटनागर, आदित्य कुमार श्रीवास्तव सहित बड़ी संख्या में अधिवक्ता उपस्थित थे।
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