मुरादाबाद के दयानंद आर्य कन्या डिग्री कॉलेज में ‘मिशन शक्ति फेज 5.0’ के तहत उषा सिलाई मशीनों पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला प्राचार्य प्रोफेसर सीमा रानी के निर्देशन में करियर काउंसलिंग सेल, राष्ट्रीय सेवा योजना और गृह विज्ञान विभाग के संयुक्त देखरेख में आयोजित की गई। इसमें बड़ी संख्या में छात्राओं ने भाग लिया। विशेषज्ञ प्रशिक्षकों ने उषा कंपनी की ऑटोमैटिक, इलेक्ट्रिक, हैंड-ऑपरेटेड और कम्प्यूटराइज्ड सिलाई मशीनों का विस्तृत प्रदर्शन किया। उन्होंने प्रत्येक मॉडल की कार्यप्रणाली और विशेषताओं को समझाया। प्रशिक्षकों ने बताया कि उषा मशीनें अपनी मजबूती, टिकाऊपन और आसान संचालन के लिए देश भर में प्रसिद्ध हैं। इनका उपयोग न केवल घरेलू सिलाई के लिए किया जा सकता है, बल्कि छोटे व्यवसाय शुरू करने में भी ये लाभकारी हैं। छात्राओं को फॉल-पीको, कढ़ाई, इंटरलॉक, बटनहोल और पैचवर्क जैसी विभिन्न सिलाई तकनीकों का लाइव डेमो दिया गया। प्रशिक्षकों ने बताया कि उषा की नई मशीनें ऊर्जा-संरक्षण तकनीक पर आधारित हैं, जिससे वे कम बिजली में अधिक उत्पादन दे सकती हैं। प्रतिनिधियों ने कहा कि इन मशीनों से सिलाई का कार्य तेज, साफ और पेशेवर गुणवत्ता के साथ किया जा सकता है। हल्के वजन, मजबूत बॉडी और कम रखरखाव जैसी विशेषताएं इन्हें बाजार में विश्वसनीय बनाती हैं। कार्यशाला में भाग लेने वाली छात्राओं ने इस अनुभव को अत्यंत उपयोगी बताया। उन्होंने कहा कि आधुनिक मशीनों की जानकारी मिलने से उनका आत्मविश्वास और कौशल दोनों बढ़े हैं। इस अवसर पर प्रो. रीना मित्तल, प्रो. मनी बंसल, प्रो. अर्चना राठौर, डॉ. नीतू सिंह, अनीता फर्स्वाण, डॉ. निशा यादव, नेहा दयाल, रुचि अग्रवाल, सरिता सिंह सहित कई शिक्षक और छात्राएं उपस्थित रहीं।
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