मुजफ्फरनगर के शहरी क्षेत्रों में ध्वनि प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने एक विशेष अभियान चलाया है। पिछले सात दिनों में विभिन्न मस्जिदों से 50 से अधिक लाउडस्पीकर उतारे जा चुके हैं। यह कार्रवाई सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों और उत्तर प्रदेश सरकार के शोर प्रदूषण नियंत्रण नियमों के तहत की जा रही है। पुलिस के अनुसार, ध्वनि की अधिकतम सीमा से ऊपर वाले स्पीकरों को हटाया जा रहा है, ताकि आम नागरिकों को परेशानी न हो। सिविल लाइंस थाना क्षेत्र में यह अभियान सबसे तेजी से चल रहा है, जहां मदीना चौक, हाजीपुरा और सैफी कॉलोनी जैसे इलाकों की मस्जिदों से लाउडस्पीकर उतारे गए हैं। इनमें मोहम्मदी मस्जिद (हाजीपुरा), आयशा मस्जिद, सैफी कॉलोनी मस्जिद और बैरी मस्जिद प्रमुख हैं। थाना प्रभारी सिविल लाइंस ने बताया कि ये स्पीकर रात में अजान और दिन में अन्य धार्मिक कार्यक्रमों के दौरान तय सीमा से अधिक तेज आवाज उत्पन्न कर रहे थे, जिसकी कुछ स्थानीय लोगों ने शिकायत भी की थी। पिछले सप्ताह शुरू हुए इस अभियान में अब तक शहर के विभिन्न हिस्सों से कुल 55 लाउडस्पीकर जब्त किए जा चुके हैं। पुलिस टीमें सुबह से शाम तक मस्जिदों और धार्मिक स्थलों का दौरा कर रही हैं। स्पीकरों को उतारने के बाद उन्हें थाने में जमा कराया जा रहा है और मस्जिद प्रबंधकों को ध्वनि नियमों का पालन करने की लिखित चेतावनी दी जा रही है। सीओ सिटी सिद्धार्थ के मिश्रा ने बताया कि यह अभियान पूरे जिले में जारी रहेगा। शहरी क्षेत्रों के साथ-साथ ग्रामीण इलाकों में भी ध्वनि प्रदूषण की शिकायतों पर तुरंत कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह कार्रवाई किसी धर्म विशेष को निशाना बनाने के लिए नहीं है, बल्कि कानून का पालन सुनिश्चित करने के लिए है। मंदिरों, गुरुद्वारों या अन्य धार्मिक स्थलों पर भी यही नियम लागू होंगे।
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