प्रयागराज के संगम तीरे 3 जनवरी से माघ मेले की शुरूआत होगी। इसमें महज 22 दिन शेष बचे हैं लेकिन तैयारियां अभी बहुत ही पीछे है। अभी जमीन समतलीकरण का कार्य चल रहा है। वहीं, अभी तक जमीन आवंटन का कार्य भी बहुत पीछे है। दंडी बाड़ा, आचार्य बाड़ा व खाक चौक को जमीन आवंटित कर दी गई है बाकी संस्थाओं और साधु संतों को जमीन अभी तक नहीं मिली है। 7 पांटून पुल बनाए जाने हैं जो अभी अधूरे हैं। अधूरे पांटून पुल से लोग जान जोखिम में डालकर एक तरफ से दूसरी तरफ जा रहे हैं। यहां PWD, स्वास्थ्य विभाग समेत कई विभागों के काम पीछे हैं। ऐसे में सवाल यह है कि तीन जनवरी तक इतना बड़ा माघ मेला आखिर कैसे बसकर तैयार होगा। CM ने 15 दिसंबर तक काम पूरा करने का दिया है निर्देश पिछले महीने 27 नवंबर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रयागराज पहुंचे थे। यहां पर उन्होंने मेला क्षेत्र का निरीक्षण किया था और अधिकारियों के साथ मेला प्राधिकरण के कार्यालय में समीक्षा बैठक भी की थी। इसमें उन्होंने सभी विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया था कि 15 दिसंबर तक सभी कार्य पूरे हो जाएं। मुख्यमंत्री के टाइमलाइन में महज 4 दिन और बचे हैं लेकिन कार्य की रफ्तार इतनी धीमी है कि यह कब तक पूरा हो जाएगा, यह नहीं कहा जा सकता है। 800 हेक्टेयर में बसेगा माघ मेला वर्ष 2024 के माघ मेले की अपेक्षा इस बार के माघ मेले का दायरा ज्यादा बड़ा होने वाला है। 32 हेक्टेयर ज्यादा जमीन पर यह मेला बसने जा रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी इसकी घोषणा की है। 2024 का माघ मेला करीब 768 हेक्टेयर में बसा था लेकिन इस बार यह बढ़ाकर 800 कर दिया गया है। यही कारण है कि इस बार मेले को 7 सेक्टर में बांटा जा रहा है। मेले में 12 से 15 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की संभावना जताई गई है। माघ मेले में इस तरह की होगी व्यवस्था यह है प्रमुख स्नान पर्व
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