महोबा में बुंदेलखंड राज्य आंदोलन के जनक शंकरलाल मेहरोत्रा की 24वीं पुण्यतिथि पर सम्मान समारोह आयोजित किया गया। इस अवसर पर पद्मश्री उमाशंकर पांडेय सहित चार विभूतियों को शंकरलाल पुरस्कार से सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में बुंदेलखंड राज्य के गठन की लंबित मांग पर भी जोर दिया गया। यह समारोह महोबा के आल्हा चौक स्थित आंबेडकर पार्क में आयोजित हुआ। बांदा के पद्मश्री उमाशंकर पांडेय, दिल्ली के राजन धमेरिया, हमीरपुर के विनय तिवारी और महोबा के युवा जनसेवी यज्ञेश गुप्ता को इस पुरस्कार से नवाजा गया। मुख्य अतिथि पूर्व सांसद पुष्पेंद्र सिंह चंदेल ने कहा कि केंद्र सरकार बुंदेलखंड राज्य आंदोलन को गंभीरता से ले रही है। उन्होंने नौ बार संसद में और पार्टी के विभिन्न मंचों पर राज्य गठन का मुद्दा उठाया है। उन्होंने स्वीकार किया कि अभी तक सफलता नहीं मिली है, लेकिन संघर्ष जारी है। पद्मश्री उमाशंकर पांडेय ने सवाल उठाया कि 36 साल बाद भी बुंदेलखंड राज्य की मांग क्यों पूरी नहीं हो सकी। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद से इस क्षेत्र को सबसे अधिक उपेक्षा का सामना करना पड़ा है और विकास की असमानता आज भी स्पष्ट है। दिल्ली से आए राजन धमेरिया ने बताया कि राजधानी में रहने वाले बुंदेलों की संख्या काफी है, लेकिन संवादहीनता के कारण उनका प्रतिनिधित्व कम है। उन्होंने कहा कि वे दिल्ली में विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से सभी बुंदेलों को जोड़ने का अभियान चला रहे हैं। कार्यक्रम का संचालन बुंदेली समाज के संयोजक तारा पाटकर ने किया। इस अवसर पर अजय बरसैंया, संतोष सिंह, हरीओम निषाद, रोहित मिश्र, दिलीप जैन सहित बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे।
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