महोबा में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में कथित भ्रष्टाचार के विरोध में किसानों का धरना 107वें दिन भी जारी रहा। बुधवार को सदर तहसील में ‘जय जवान जय किसान संगठन’ के बैनर तले चल रहे इस आंदोलन को अधिवक्ताओं का समर्थन मिला, जिससे किसानों की लड़ाई को नई मजबूती मिली। संगठन के अध्यक्ष और किसान नेता गुलाब सिंह राजपूत इस आंदोलन का नेतृत्व कर रहे हैं। उनका आरोप है कि वर्ष 2024 और 2025 में फसल बीमा योजना के तहत किसानों की पॉलिसियों का पैसा दलालों के माध्यम से संपादित कर अन्य लोगों के खातों में भेज दिया गया। इससे हजारों किसान योजना के लाभ से वंचित रह गए। राजपूत ने बताया कि इस पूरे मामले की जांच को लेकर लगातार आवाज उठाई जा रही है, लेकिन अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। उन्होंने जिला प्रशासन से पारदर्शी जांच की उम्मीद न होने की बात कहते हुए CBI या SIT जांच की मांग की है। उन्होंने मुख्यमंत्री को खून से खत लिखकर भी जांच की गुहार लगाई है। किसान नेता ने यह भी आरोप लगाया कि उन्हें धरना समाप्त करने के लिए लगातार दबाव बनाया जा रहा है। प्रशासन की ओर से शांति भंग की कार्रवाई कर जेल भेजने की धमकी भी मिल रही है, लेकिन किसान अपने अधिकारों की लड़ाई में पीछे हटने को तैयार नहीं हैं। धरने में पहुंचे अधिवक्ताओं ने किसानों के बीच बैठकर कहा कि यह न्याय की लड़ाई है। उन्होंने किसानों के पैसे हड़पने वालों को सजा दिलाने और निष्पक्ष व पारदर्शी जांच की मांग की। वकीलों ने यह भी कहा कि न्याय के लिए खड़े किसानों को डराने की कोशिशें लोकतांत्रिक व्यवस्था के खिलाफ हैं और वे कानूनी रूप से भी किसानों की हर संभव मदद करेंगे।
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