मेरठ के मेडिकल अस्पतालों के मरीज को बहला-फुसलाकर निजी अस्पतालों में भर्ती कराने की शिकायत गाजियाबाद के एक लकवाग्रस्त मरीज के तीमारदार ने एम्बूलेंस चालक के खिलाफ की है। उन्होंने बताया कि चालक ने 20–25 हजार रुपये में बेहतर इलाज का झांसा देकर मेडिकल कॉलेज से उठा ले गया और सीधे मंगलपांडेनगर स्थित अल्फा हॉस्पिटल में भर्ती करा दिया। यहां तीन दिन में परिवार से 90 हजार रुपये से ज्यादा वसूल लिए गए, लेकिन मरीज की हालत जस की तस रही। अल्फा हॉस्पिटल के रजिस्टर में मिला एंबुलेंस चालक का नाम सीएमओ डॉ. अशोक कटारिया ने मामले की पुष्टि करते हुए बताया कि डिप्टी सीएमओ को जांच दी गई थी जिसमें पाया गया कि मरीज मुकेश कुमार वहीं भर्ती है और उसका उपचार डॉ. देवेंद्र सैनी, डॉ. राहुल गोयल और डॉ. अरुण कुमार सिंह कर रहे हैं। हॉस्पिटल के रजिस्टर में एंबुलेंस चालक तुषार का नाम और मोबाइल नंबर भी दर्ज मिला, जिससे साफ हो गया कि तुषार ने ही मरीज को मेडिकल कॉलेज से निजी अस्पताल में शिफ्ट कराया। 16 नवंबर को दिया था झांसा परिवार के अनुसार 16 नवंबर को तुषार नाम के चालक ने कहा कि मेडिकल कॉलेज में इलाज में देर होगी, जबकि निजी अस्पताल में 20–25 हजार रुपये में बढ़िया देखभाल हो जाएगी। भरोसा कर परिजन मरीज को उसके साथ भेज बैठे। अस्पताल में भर्ती होते ही बिल का “मीटर” ऐसा चला कि 90 हजार रुपये तक पहुंच गया। फिर भी मरीज की हालत में कोई सुधार नहीं हुआ, जिसके बाद परिवार ने अधिकारियों से शिकायत की। बकाया बिल माफ, मरीज को फिर मेडिकल कॉलेज रेफर जांच टीम ने अस्पताल प्रबंधन से बकाया बिल माफ कराया और मरीज को दोबारा मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया। पूरी रिपोर्ट मेरठ कमिश्नर, डीएम, एसएसपी और सीएमओ को भेजी गई। रिपोर्ट के आधार पर मेडिकल थाने में अल्फा हॉस्पिटल और एंबुलेंस चालक तुषार के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है।
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