बस्ती जिले के मुख्यालय से 58 किलोमीटर दूर स्थित मखौड़ा धाम के पास बहने वाली मनोरमा नदी अब मैली हो चुकी है। यह नदी धीरे-धीरे नाले में तब्दील हो रही है, और इसके अस्तित्व को बचाने के लिए कोई ठोस प्रयास नहीं दिख रहा है। नदी की इस दयनीय दशा को देखकर पर्यटक भी हैरान हैं। मखौड़ा धाम वह ऐतिहासिक स्थल है जहां राजा दशरथ ने पुत्रेष्टि यज्ञ कराया था, जिसके फलस्वरूप उन्हें भगवान राम सहित चार पुत्रों की प्राप्ति हुई थी। इस स्थान का नाम इतिहास के पन्नों में अमर है और पुराणों में भी इसकी महत्ता का वर्णन है। देश के कोने-कोने से लोग यहां आकर यज्ञशाला के दर्शन कर खुद को धन्य मानते हैं। हालांकि, जब उनकी नजर सामने बह रही मनोरमा नदी पर पड़ती है, तो वे इसकी गंदगी और उपेक्षा देखकर चिंतित हो जाते हैं। अहमदाबाद, गुजरात से आए पर्यटक यशवंत सोनी ने दैनिक भास्कर से बात करते हुए कहा कि यह उनके स्वामी नारायण भगवान का तीर्थ स्थान है। उन्होंने बताया कि नदी सूख रही है और इसमें पानी का बहाव नहीं है। धार्मिक महत्व को देखते हुए इसमें सुधार किया जाना चाहिए। गुजरात से ही आईं छाया सोनी ने बताया कि वे पहली बार यहां आई हैं और उन्हें इस स्थान की महत्ता के बारे में जानकारी है। मनोरमा नदी की स्थिति पर उन्होंने कहा कि इसमें बहुत गंदगी है और इसे साफ किया जाना चाहिए, क्योंकि इस पानी में स्नान तक नहीं किया जा सकता। स्वामी नारायण छपिया के निवासी शिवनंद चतुर्वेदी ने कहा कि मनोरमा नदी शासन की उपेक्षा का शिकार हो गई है और इस पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि नदी की गंदगी के कारण श्रद्धालु इसमें स्नान नहीं करते हैं। स्थानीय निवासी फूल सिंह ने भी बताया कि 20 वर्ष पहले नदी साफ थी और उन्होंने भी नदी की सफाई की मांग की।
https://ift.tt/OtyUqJh
🔗 Source:
Visit Original Article
📰 Curated by:
DNI News Live

Leave a Reply