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मथुरा BLO परेशान…बोली- पॉलिटिकल पार्टियों के BLA परेशान करते हैं:12 दिन से घर पर खाना नहीं बनाया, बच्चों को दादा-दादी के पास छोड़कर ड्यूटी कर रही

यूपी में SIR प्रक्रिया के दौरान 5 बीएलओ की मौत हो चुकी है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने चुनाव आयोग से न्यायिक जांच की मांग की है। इस बीच मथुरा से भी एक BLO का दर्द सामने आया है। वृंदावन के प्राथमिक स्कूल की टीचर अनिशा कहती हैं- पॉलिटिकल पार्टियों के बूथ लेवल एजेंट (BLA) परेशान करते हैं। एक नेताजी का कॉल आया, उनका नाम नहीं बता सकती हूं, वो कहते हैं, फार्म लेकर हमारे घर के बाहर बैठिए। जब शाम को करीब 5.30 बजे उनके घर गई, तो कहा कि आज दिन ढल गया है, इस पर मैंने कहा कि अभी काफी वक्त है, कई फार्म का काम पूरा करवा सकते हैं। इस पर उन्होंने मुझे भी भला बुरा सुना दिया। मैं वहीं रोने लगी। पूरे दिन ठीक से खाना तक नहीं खाया था। फार्म भरवाने के काम में ही लगी रही। अनिशा कहती हैं- ये सिर्फ मेरा काम नहीं, सबका है…। 1 हजार फार्म भरने हैं, 500 का काम पूरा कर चुकी हूं, बाकी भी पूरे हो जाएंगे। बता दें कि मथुरा में SIR की प्रक्रिया तेजी से चल रही है। यहां 19 लाख 43 हजार मतदाताओं तक SIR फॉर्म पहुंचाने और उनको जमा कराने के लिए कुल 2130 BLO लगाए गए हैं। अलग-अलग BLO से बात करके समझ आया कि शहरों में लोग फार्म को भरने और जमा करने में बहुत रुझान नहीं दिखा रहे हैं। जबकि ग्रामीण इलाकों में लोग खुद ब खुद BLO को ढूंढते हुए पहुंच रहे हैं। ऐसे में वृंदावन के प्राथमिक स्कूल में बच्चों को पढ़ाने के साथ विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) का काम भी करवा रही हैं। अनिशा कहती हैं- शहर में कई बार लोगों से कहना पड़ता है, इसके बाद भी वह बड़े अहसान के बाद फॉर्म जमा करते हैं। बार–बार लगाने पड़ रहे चक्कर अनिशा कहती हैं- समस्या यह आ रही है कि 4-5 चक्कर लगाने के बाबजूद लोग सपोर्ट नहीं कर रहे हैं। कभी जवाब मिलता हैं कि घर में कोई नहीं है, कभी कहते हैं बाद में आना…थोड़ा लोगों का सपोर्ट कम ही मिलता है। अनिशा बताती है- मैं चाहती हूं कि नगर निगम की जो कूड़ा उठाने वाली गाड़ी हैं, वह गली–गली जाती है, उन पर लगे माइक से इसके लिए लोगों को जागरूक किया जाए। 3 बच्चे दादा दादी को सौंप रखे हैं अनिशा बताती हैं- इस समय मैं परिवार को बिल्कुल समय नहीं दे पा रही, 3 बच्चे हैं, जो पिछले 12 दिन से दादा दादी के पास हैं। मैं कई दिन से घर लेट पहुंच रही हूं, बुधवार को मेरी 5 साल की बेटी नाराज हो गई, वह मुझसे झगड़ने लगी। इस समय परिवार को बिल्कुल समय नहीं दे पा रही हूं। 12 दिन से नहीं बनाया खाना
अनिशा बताती हैं– इस काम को पूरा करने के लिए वह सुबह 4 बजे जागती हैं। घर के काम कर मथुरा से वृंदावन स्कूल पहुंचती हैं। जहां वह स्कूल खोलने के बाद बच्चों का शिक्षण काम कराती हैं। इस दौरान SIR फॉर्म को लेकर लोगों का आना जाना शुरू हो जाता है। जो देर शाम तक चलता है। कई बार तो खाना खाने की फुर्सत नहीं मिलती। पिछले 12 दिन से तो घर पर खाना नहीं बनाया होटल से मंगाकर खाते हैं।
अधिकारी कर रहे सपोर्ट, पर लोग नहीं हैं जागरूक अनिशा ने बताया कि अधिकारी सपोर्ट कर रहे हैं। उन्होंने कह रखा है कोई विरोध करे,बदतमीजी करे उनको बताएं। इसके अलावा सुपर वाइजर भी दे रखा है। लड़के दिन भर फॉर्म को अपलोड करते रहते हैं। लेकिन सबसे बड़ी दिक्कत लोगों की आ रही है वह जागरूकता न होने के कारण सपोर्ट नहीं कर रहे। घरों पर जाओ तो कहते हैं कर देंगे,ज्यादा कहने पर कहते हैं कहीं नाम नहीं कट रहा। यह सबसे बड़ी समस्या आ रही। अनिशा ने बताया कि अधिकारी सपोर्ट कर रहे हैं। उन्होंने कह रखा है कोई विरोध करे,बदतमीजी करे उनको बताएं। इसके अलावा सुपर वाइजर भी दे रखा है। लड़के दिन भर फॉर्म को अपलोड करते रहते हैं।
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