मेरठ के थापर नगर प्रकरण में दूसरे फेज की समझौता वार्ता मंगलवार को नहीं हो सकी। खरीदार पक्ष इंतजार करता रहा लेकिन सईद अहमद पक्ष से कोई संदेश नहीं आया। मध्यस्थता करने वाले भी असमंजस की स्थिति में दिखे। इससे पहले सोमवार को हुई पहले फेज की समझौता वार्ता हंगामेदार रही, जिसमें कोई निर्णय नहीं लिया जा सका। ऐसे में इस विवाद के निस्तारण की उम्मीद दिखाई नहीं दे रही है। उधर, चर्चा है कि इस मामले में अब एक तीसरा पक्ष भी निकलकर सामने आया है जिसने विवादित मकान को खरीदने में दिलचस्पी दिखाई है। पढ़िए पूरा मामला
थापर नगर गली नंबर 6 निवासी नरेश कालरा ने 107.86 वर्ग मीटर में बना मकान मोहम्मद सईद अहमद को बेच दिया था। यह मकान उनकी पत्नी वीना कालरा व बेटे अनुभव कालरा के नाम था, जिन्होंने 26 नवंबर को रजिस्ट्री कर दी और गुरुग्राम शिफ्ट हो गए। मुस्लिम द्वारा मकान खरीदे जाने का विरोध शुरू हो गया। नाराज लोग सड़क पर उतर आए और विरोध कर दिया। उनका कहना था कि हिंदू बाहुल्य इलाके में दूसरे समुदाय के व्यक्ति को नहीं रहने देंगे। हिंदू संगठन थाने में धरने पर बैठा
रात में जैसे तैसे सदर बाजार पुलिस ने मामले को शांत किया और अगले दिन दोनों पक्षों को बुलाकर समझौता कराने की तसल्ली दी। अगली सुबह वार्ता भी हो गई लेकिन इसी बीच अखिल भारतीय हिंदू सुरक्षा संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सचिन सिरोही थाना परिसर में दरी बिछाकर बैठ गए। वह अड़ गए कि तत्काल सईद को बुलाकर मकान का सौदा रद्द कराया जाए। तभी सईद अहमद की तबियत बिगड़ने की सूचना फैल गई। उन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। थाने में पांच से छह घंटे हंगामा हुआ। पुलिस ने तीन दिन में मकान वापस दिलाने का भरोसा दिलाकर धरना समाप्त करा दिया। धार्मिक स्थल के बाहर मांस फेंकने पर बखेड़ा
अभी पुलिस मकान को लेकर शुरू हुए विवाद को खत्म कराने की ठीक से रणनीति भी तैयार नहीं कर पाई थी कि रविवार सुबह शरारती तत्वों ने विवादित मकान के पास ही बने गुरुद्वारे से थोड़ी दूरी पर मांस फेंककर माहौल फिर गरमा दिया। हिंदू संगठन से जुड़े कार्यकर्ताओं ने हंगामा शुरू कर दिया। पुलिस असामाजिक तत्वों को तलाशती रही लेकिन कोई हाथ नहीं आया। आखिरकार पुलिस ने देर शाम गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा के सचिव की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर लिया। इस मामले की जांच चल रही है। व्यापारी नेता ने दिलाया विवाद निस्तारण का भरोसा
इस मामले में मेरठ व्यापार मंडल के जीतू नागपाल ने मध्यस्थता शुरू कर दी। उन्होंने पुलिस प्रशासन को भरोसा दिलाया कि वह जल्द विवाद का निस्तारण करा देंगे। सोमवार को उन्होंने पहली समझौता वार्ता का अपने यहां आयोजन किया, जिसमें दोनों पक्ष के लोग पहुंचे। करीब दो घंटे वार्ता चली जो काफी हंगामेदार रही। अंत में मामला मकान को खरीदने में खर्च हुई वास्तविक रकम पर अटक गया और वार्ता बिना नतीजे समाप्त हो गई। नहीं हुई मंगलवार को दूसरे फेज की वार्ता सोमवार को बेनतीजा रही वार्ता के बाद तय किया गया कि दोनों पक्ष 24 घंटे बाद यानि मंगलवार को दोबारा एक साथ बैठेंगे। लेकिन ऐसा हो नहीं पाया। मकान को खरीदने की रूचि दिखाने वाले हिंदू पक्ष के लोग इस मामले में मध्यस्थता कर रहे व्यापारी नेता जीतू नागपाल से संपर्क करते रहे लेकिन सईद अहमद पक्ष नहीं आया। इसके चलते दूसरे फेज की वार्ता नहीं हो पाई। तरह तरह की चर्चा रही। हालांकि जीतू नागपाल दावा कर रहे हैं कि वह जल्द इस विवाद का निस्तारण करा देंगे। एक प्रोपर्टी और तीसरे खरीदार की एंट्री एक समय था, जब नरेश कालरा के परिवार की प्रोपर्टी को कोई खरीदार खासकर हिंदू खरीदार नहीं मिल पा रहा था। अब जब से यह विवाद बढ़ा है, एक नहीं दो नहीं बल्कि तीन खरीदार निकलकर सामने आ गए हैं। पहले व दूसरे खरीदार ने आपसी सामंजस्य बैठाकर तय कर लिया कि कौन इस मकान को खरीदेगा लेकिन जो तीसरा शख्स सामने आया है, उसकी मौजूदगी चर्चा में बन गई है। क्योंकि वह इस पूरे प्रकरण से जुड़ी तस्वीर में कहीं भी शामिल नहीं था।
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