फर्रुखाबाद में बिजली विभाग में आउटसोर्स कर्मियों को मनमाने ढंग से हटाने और स्थायी कर्मियों के स्थानांतरण-पोस्टिंग में कथित अनियमितताओं की जांच रुक गई है। जांच समिति को विभाग से आवश्यक अभिलेख प्राप्त नहीं हुए हैं, जिसके कारण आगे की कार्रवाई बाधित है। यह मुद्दा सांसद मुकेश राजपूत ने जिले के प्रभारी एवं पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह के समक्ष विकास कार्यों की समीक्षा बैठक के दौरान उठाया था। सांसद ने आउटसोर्स कर्मियों की नियम विरुद्ध सेवा समाप्ति और अवर अभियंताओं व लिपिकों के मनमाने स्थानांतरण की शिकायत की थी। उन्होंने बताया था कि कई बार ‘सेटिंग’ के चलते स्थानांतरण आदेश उसी दिन या अगले दिन निरस्त कर दिए गए। प्रभारी मंत्री के निर्देश पर जांच कमेटी का गठन किया गया था। हालांकि, बिजली विभाग ने जांच के लिए आवश्यक अभिलेख समिति को उपलब्ध नहीं कराए। इस कारण जांच अधूरी रह गई। 21 नवंबर को प्रभारी मंत्री के आगमन पर सांसद ने एक बार फिर बिजली विभाग की अधूरी जांच का मुद्दा उठाया। इस पर प्रभारी मंत्री ने अधीक्षण अभियंता के प्रति नाराजगी व्यक्त करते हुए उन्हें तत्काल जांच के लिए अभिलेख उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) विनोद कुमार गौड़ ने बताया कि उनकी अध्यक्षता में पांच सदस्यीय जांच कमेटी गठित की गई है, जिसमें एआरटीओ, अधिशासी अभियंता ट्रांसमिशन, सिंचाई और वरिष्ठ कोषाधिकारी शामिल हैं। उन्होंने पुष्टि की कि अभी तक बिजली विभाग से जांच संबंधी कोई अभिलेख प्राप्त नहीं हुए हैं। सीडीओ ने आगे बताया कि वह एक-दो दिन में कमेटी के साथ बैठक करेंगे। इसके बाद स्थानांतरण संबंधी सभी अभिलेख उपलब्ध कराने के लिए अधीक्षण अभियंता को अनुस्मारक पत्र भेजा जाएगा। अभिलेख प्राप्त होते ही जांच पूरी कर रिपोर्ट जिलाधिकारी को कार्रवाई के लिए भेज दी जाएगी। सीडीओ ने यह भी बताया कि आउटसोर्स कर्मियों को हटाने का कोई स्पष्ट आधार नहीं बताया गया है। हालांकि, अभिलेखों के अभाव में जांच पूरी नहीं हो सकी है।
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