बिजनौर शहर कोतवाली क्षेत्र में एक दंपति पर दो मासूम कुत्ते के बच्चों को उनकी मां से अलग कर कहीं दूर छोड़ने का आरोप लगा है। इस मामले ने जिले के पशुप्रेमियों को झकझोर दिया है। एक एनजीओ की शिकायत पर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। यह घटना 24 नवंबर को सुबह 8 बजे से 11 बजे के बीच हुई बताई जा रही है। आरोप है कि दंपति ने क्रूरता की हद पार करते हुए दो महीने के पिल्लों को उनकी मां से जबरन अलग कर दिया और उन्हें दूसरे इलाके में छोड़ दिया। एनजीओ पदाधिकारी संधिया रस्तोगी, जो आनंद चैरिटेबल ट्रस्ट चलाती हैं, ने पुलिस को दी तहरीर में बताया कि दो महीने के पिल्ले न तो ठंड से अपनी रक्षा कर सकते हैं और न ही बड़े जानवरों से खुद को बचा सकते हैं। उन्होंने इस कृत्य को “अप्रत्यक्ष रूप से मासूम जीवों की हत्या” के समान बताया है। संधिया रस्तोगी के अनुसार, यह घटना पशु क्रूरता निवारण अधिनियम 1960 का स्पष्ट उल्लंघन है। शिकायत में कहा गया है कि किसी भी जानवर को उसके स्थान से जबरन हटाना कानूनन अपराध है और यह संवेदनहीनता व पशु अत्याचार का गंभीर मामला है। रस्तोगी ने पुलिस से मांग की है कि दंपति या तो पिल्लों को सुरक्षित वापस लाए, अन्यथा उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाए। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि मासूम पिल्लों को किसी भी प्रकार की हानि हुई, तो इसकी पूरी जिम्मेदारी आरोपी दंपति की होगी। फिलहाल, पुलिस मामले की तहकीकात कर रही है और आसपास के क्षेत्रों से जानकारी जुटाई जा रही है। वहीं, स्थानीय लोगों और पशु प्रेमियों में इस घटना को लेकर गहरा आक्रोश है। वे न्याय के लिए सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं ताकि भविष्य में ऐसी अमानवीय हरकतें रोकी जा सकें। शहर कोतवाल धर्मेंद्र सोलंकी का इस मामले में कहना है कि मामले की जांच कराई जा रही है कानूनी कार्यवाही प्रचलित है
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