बलरामपुर जिले के नेवलगंज क्षेत्र में जंगल से सटे रेहारपुरवा झौहना गांव में रविवार सुबह डेढ़ वर्षीय रोहित का क्षत-विक्षत शव मिला। बताया गया कि रात में एक तेंदुआ बच्चे को उसकी मां इंदिरावती के पास से उठाकर ले गया था। सोमवार को वन, पर्यावरण, जंतु उद्यान एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के राज्यमंत्री डॉ. अरुण कुमार सक्सेना बलरामपुर जनपद पहुंचे। उन्होंने कलेक्ट्रेट में पीड़ित परिवार से मुलाकात की और सरकार की ओर से 5 लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की। इसके बाद मंत्री ने अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों के साथ उच्च-स्तरीय बैठक कर मानव-वन्यजीव संघर्ष रोकने के उपायों की समीक्षा की। वन मंत्री ने स्पष्ट किया कि मानव जीवन सर्वोपरि है और ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति किसी भी कीमत पर नहीं होनी चाहिए। उन्होंने निर्देश दिए कि वन क्षेत्रों के आसपास रहने वाले लोगों की सुरक्षा और जागरूकता तंत्र को मजबूत किया जाए। उन्होंने ड्रोन, कैमरा ट्रैप, आधुनिक वायरलेस सिस्टम और बड़े ट्रेंकुलाइज उपकरणों का प्रयोग बढ़ाने के निर्देश दिए। साथ ही, जोन एवं सेक्टर आधारित टीमों को नियमित पेट्रोलिंग करने और संवेदनशील क्षेत्रों को ‘रेड अलर्ट जोन’ घोषित कर निगरानी बढ़ाने को कहा। मंत्री ने प्रत्येक गांव में ग्राम सुरक्षा समिति बनाने और ‘तेंदुआ मित्र’ स्वयंसेवक तैयार करने पर भी जोर दिया। इससे पूर्व, जिलाधिकारी विपिन कुमार जैन ने गांव पहुंचकर पीड़ित परिवार को सांत्वना दी और ग्रामीणों से बातचीत की। उन्होंने गन्ना पर्चियों के शीघ्र वितरण और गन्ना कटान समयबद्ध कराने के निर्देश भी दिए, ताकि ग्रामीणों की जंगल में आवाजाही नियंत्रित रहे। जिलाधिकारी ने ग्रामीणों से सतर्क रहने और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत सूचना देने की अपील की। इस अवसर पर सदर विधायक पल्टूराम, प्रधान मुख्य वन संरक्षक सुनील चौधरी, अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक रेणु सिंह और वन्यजीव प्रमुख अशोक प्रसाद सिन्हा सहित कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। वन मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में सरकार इस मुद्दे पर पूरी तरह संवेदनशील और प्रतिबद्ध है। उन्होंने जोर दिया कि तकनीक-आधारित त्वरित कार्रवाई ही ऐसे मामलों का प्रभावी समाधान है।
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