बरेली में महमूदपुर निवासी राजेश की संदिग्ध मौत के मामले में पुलिस की धीमी कार्रवाई से आक्रोशित ग्रामीणों ने सोमवार को एसएसपी कार्यालय का घेराव किया। सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण युवा सेना के पदाधिकारियों के साथ पहुंचे और आरोपियों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। ग्रामीणों का आरोप है कि हत्या की तहरीर दिए जाने के बावजूद पुलिस केवल औपचारिकताएं पूरी कर रही है। पीड़ित पिता रामवीर ने बताया कि उनके 35 वर्षीय बेटे राजेश को 4 नवंबर को गांव के ही चार युवक केशरी, नरवीर, बब्लू और रविंद्र हल्द्वानी से चौबारी मेला दिखाने के बहाने ले गए थे। इसके बाद राजेश का चार दिनों तक कोई पता नहीं चला। परिजनों ने 7 नवंबर को फरीदपुर थाने में राजेश की गुमशुदगी दर्ज कराई थी। हालांकि, अगले ही दिन कैंट थाना क्षेत्र में एक अज्ञात शव मिलने की सूचना मिली। कपड़ों और पहचान चिह्नों के आधार पर शव की पहचान राजेश के रूप में हुई। फोन पर गालियां और धमकी दी रामवीर ने आरोप लगाया कि जब उन्होंने नामजद आरोपियों से बेटे के बारे में पूछा, तो उन्हें फोन पर गालियां दी गईं और धमकी दी गई। धमकी में कहा गया था, “तेरे बेटे को मारकर नदी में फेंक दिया, जो करना है कर ले।” परिजनों का दावा है कि यह एक स्पष्ट हत्या का मामला है। परिजनों और ग्रामीणों में इस बात को लेकर भी नाराजगी है कि राजेश की मौत के मामले में नामजद चारों आरोपी अभी भी गांव में खुलेआम घूम रहे हैं, जबकि पुलिस ने कोई गिरफ्तारी नहीं की है। ग्रामीणों ने पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए कहा कि एफआईआर दर्ज होने के बावजूद न तो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है और न ही कोई प्रभावी कार्रवाई की गई है। उनका आरोप है कि गुमशुदगी और शव मिलने के बाद भी पुलिस ने जांच की गति नहीं बढ़ाई। प्रदर्शनकारियों ने एसएसपी अनुराग आर्य को ज्ञापन सौंपा और आरोपियों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की। एसएसपी ने मामले की निष्पक्ष और त्वरित जांच कराने तथा दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है।
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