प्रयागराज में फौजी विवेक सिंह हत्याकांड में पुलिस जांच एक बार फिर नए मोड़ पर पहुंच गई है। अब तक यह माना जा रहा था कि वारदात में पांच लोग शामिल थे, लेकिन जांच में बड़ा खुलासा हुआ है कि कुल सात लोगों ने इस हत्याकांड को अंजाम दिया था। इनमें से दो नए नाम गगन तिवारी और काली यादव अब पुलिस के रडार पर हैं। धनुहा के रहने वाले हैं दोनों आरोपी जांच में सामने आया है कि गगन तिवारी और काली यादव दोनों धनुहा गांव के निवासी हैं। गगन तिवारी प्लॉटिंग का काम करता है और उसका आपराधिक रिकॉर्ड भी सामने आया है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक वह पहले भी जेल जा चुका है। शुरुआती जांच में दोनों के नाम सामने नहीं आए थे, लेकिन मुख्य आरोपियों के बयान और कॉल डिटेल्स की बारीकी से जांच के बाद इन दोनों की भूमिका साफ हुई है। कॉल डिटेल्स और बयान से जुड़ी कड़ी पुलिस सूत्रों के मुताबिक, जांच के क्रम में कई नई जानकारियां मिलीं। पुलिस ने कॉल रिकॉर्ड, मोबाइल लोकेशन और घटनास्थल के सीसीटीवी फुटेज की मदद से घटनाक्रम की कड़ियां फिर से जोड़नी शुरू कीं। इसी क्रम में यह खुलासा हुआ कि हत्या की रात घटनास्थल के पास गगन तिवारी और काली यादव की मौजूदगी भी थी। टीमें चला रहीं सर्च ऑपरेशन पुलिस अब इन दोनों फरार आरोपियों की गिरफ्तारी को लेकर सक्रिय हो गई है। अलग-अलग तीन टीमें उनकी तलाश में जुटी हैं। दोनों के संभावित ठिकानों पर दबिश दी जा रही है। पुलिस नैनी से लेकर औद्योगिक क्षेत्र और करछना व यमुनानगर के कई इलाकों में दबिश दे रही है जहां इनके छिपे होने की संभावना जताई जा रही है। दरोगा समेत पांच भेजे जा चुके हैं जेल इस मामले में मिर्जापुर में तैनात दरोगा राजकमल पांडेय समेत पांच आराेपी पहले ही ही जेल भेजे जा चुके हैं। 29 नवंबर की रात सेना की इंटेलिजेंस विंग में तैनात फौजी विवेक सिंह की रोडरेज में करछना के धरवारा गांव के पास हत्या कर दी गई थी। स्कॉर्पियोसवार हमलावरों ने साइड न मिलने पर कार रोककर उन पर लोहे की रॉड से हमला किया था। उन्हें लखनऊ ले जाया गया था जहां इलाज के दौरान एक दिसंबर की भोर में उनकी मौत हो गई थी।
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