फिरोजाबाद। जिले की मंडी समितियों में बाजरा बेचने आए किसानों को वारदाना की कमी के चलते वापस लौटना पड़ रहा है। किसानों का कहना है कि टोकन मिलने के बावजूद खरीद नहीं हो रही है और कई-कई दिनों तक मंडी के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। कई किसान रातभर गाड़ियों में रुककर इंतजार करने को मजबूर हैं। गढ़ी थानी निवासी सतेंद्र सिंह ने बताया कि उन्होंने लगभग दो महीने पहले पंजीकरण कराया था और उन्हें एक माह बाद का टोकन मिला। बाजरा लेकर मंडी पहुंचे तो वारदाना न होने का हवाला देकर वापस भेज दिया गया। उन्होंने रातभर मंडी में गाड़ी में ही गुजारी, लेकिन अगले दिन भी खरीद नहीं हुई। इसी तरह कोटकी निवासी मनीष ने बताया कि उन्होंने 10 नवंबर को पंजीकरण कराया था और 30 नवंबर की तिथि मिली थी। मंडी पहुंचे तो वारदाना न होने के कारण उन्हें भी वापस लौटना पड़ा। किसानों का आरोप है कि खरीद प्रक्रिया सुचारु नहीं है। हर बार कोई न कोई कारण बताकर उन्हें वापस भेजा जा रहा है, जिससे अनावश्यक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। मंडी में दर्जनभर से अधिक किसानों को इसी वजह से लौटना पड़ा। किसानों ने नाराजगी जताते हुए कहा कि उन्हें “फुटबॉल बनाकर घुमाया जा रहा है।” किसानों ने सवाल उठाया कि अगर खरीद नहीं करनी है तो स्पष्ट मना कर दिया जाए। कोटकी निवासी जसवंत सिंह ने बताया कि पहले 30 नवंबर को तिथि दी गई थी, लेकिन मंडी बंद होने की बात कहते हुए वापस कर दिया गया। अब फिर वारदाना की कमी बता दी गई है। कोटकी के प्रमोद पाठक ने कहा कि सरकार को बाजरा बेचने पर एकमुश्त भुगतान मिलता है, लेकिन यहां टोकन मिलने के बाद भी खरीद नहीं हो रही। उन्होंने बताया कि पूरा मंडी परिसर सिर्फ एक क्रय केंद्र पर चल रहा है, जबकि अन्य क्षेत्रों में तीन-तीन केंद्र संचालित हैं।
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