गोरखपुर में फर्जी IAS गौरव कुमार सिंह उर्फ ललित किशोर अरेस्ट हो चुका है। पुलिस कस्टडी में 4 घंटे की पूछताछ में उससे 35 से ज्यादा सवाल पूछे गए। पुलिसवाले जानने की कोशिश करते रहे कि किसको, कहां ठगा? कितनी रकम वसूली? कितनी लड़कियों के टच में रहा? इतना जरूर सामने आया कि गोरखपुर के होटलों में गौरव पार्टी करता था। उसका लाखों रुपए का बिल बिहार के कारोबारी चुका रहे थे। इन कारोबारियों को वह करोड़ों के सरकारी टेंडर दिलाने का झांसा देता था। 5 महीने पहले गौरव ने अपने मोबाइल का डेटा डिलीट किया था। साइबर सेल इस डेटा को रिकवर करने की कोशिश कर रही। पुलिस गोरखपुर के उस घर तक भी पहुंची, जहां गौरव रहता था। गुलरिहा थाने से महज 500 मीटर दूर झुंगिया की कॉलोनी में यह घर है, जहां गौरव को सब IAS अफसर समझते थे। सुबह-सुबह उसके घर सरकारी डिपार्टमेंट फंसे हुए काम लेकर पहुंचते थे। पुलिस को इनपुट मिले हैं कि गौरव अपने रुआब का इस्तेमाल करके गोरखपुर के कई डिपार्टमेंट में लोगों के काम करवा चुका था। इसी रुतबे का फायदा उठाकर उसने यूपी, बिहार, मध्य प्रदेश और झारखंड में नेटवर्क फैला लिया था। पढ़िए यूपी-बिहार में मूवमेंट करने वाले फर्जी IAS के कारनामे… 3 BHK का अपार्टमेंट, थाने से सिर्फ 500 मीटर दूर
गोरखपुर पुलिस ने 10 दिसंबर को गौरव कुमार सिंह को अरेस्ट किया। जालसाजी में उसके साथी अभिषेक कुमार और परमानंद गुप्ता भी गिरफ्त में आ गए। गोरखपुर के जिस झुंगिया कॉलोनी में गौरव रहता था, दैनिक भास्कर वहां पहुंचा। गौरव का 3 BHK फ्लैट गुलरिहा थाने से सिर्फ 500 मीटर दूर था। ये अपार्टमेंट उसने 20 हजार रुपए महीने किराए पर लिया था। इस मकान के मालिक बलरामपुर में रहते हैं। पुलिस ने उन्हें भी गोरखपुर बुलाया है। अब पड़ोसियों की बात रामप्रीत बोले- सब झुककर प्रणाम करते थे
गौरव के घर के बाहर लगे काले गेट पर ताला लगा था। घर से सटे मकान में रहने वाले रामप्रीत बाहर कुर्सी पर बैठकर धूप सेंक रहे थे। हमसे उन्होंने कहा- हमारे लिए तो सौभाग्य की बात है कि बगल के घर में एक IAS अफसर रहता था। गौरव करीब 2 साल से यहां रह रहा। उसका व्यवहार बहुत अच्छा है। 10-10 गाड़ियों के काफिले के साथ 10 गनर लेकर चलता था। पूरी लोकेलिटी के लोग उसके आगे झुककर प्रणाम करते थे। हमने उन्हें गौरव की अरेस्टिंग के बारे में बताया। थोड़ी देर के लिए वह शांत हो गए। इसके बाद कहने लगे- कुछ महीने पहले उसके पत्नी और बच्चे आए थे। गौरव के 2 लड़के हैं। एक 5 साल और दूसरा 6 साल का होगा। दोनों घर में खेलने आते थे। हमें तो कभी नहीं लगा कि वो कोई धोखेबाज है। उन्होंने बताया- कॉलोनी में आने के बाद उसने कई काम भी करवाए थे। घर के बाहर मिट्टी डलवाई थी, जहां पर उसकी गाड़ियां खड़ी होती थीं। घर के बाहर ढेर सारे गमले लगाए थे। हमेशा अपने काम में बिजी रहता था। बोलता था कि बाबा कोई काम हो, तो मुझे बताइएगा। तुरंत हो जाएगा, लेकिन कभी मेरा काम ही नहीं पड़ा। गौरव के पास असम, कोलकाता एजेंसियों के गनर
यहीं कुछ दूरी पर रहने वाले राजेश कहते हैं- जब भी इस रास्ते गुजरता, तो कई गाड़ियां और भीड़ दिखती थी। पुलिस की वर्दी में भी लोग दिखते थे। एक गनर से मैंने बात की थी। गनर ने बताया था कि हम लोग किराए पर रखे गए हैं। साहब (गौरव) ने कुछ लोगों को कोलकाता और कई को असम की कंपनी से बात करके बुलवाया है। गनर भी गौरव की बहुत तारीफ करते थे। प्राधिकरण, नगर निगम के काम एक कॉल पर करवाए
कॉलोनी में रहने वाली इंदू देवी ने बताया- हम लोगों के लिए तो वह बहुत बड़े अधिकारी ही थे। हमेशा सरकारी हूटर लगी गाड़ियां आती थीं। हम लोग यही सोचते थे कि कॉलोनी में जो भी काम हो रहा, इस अधिकारी की वजह से ही हो रहा। बाकी इस कॉलोनी में रहने वाले कुछ लोग प्राधिकरण और नगर निगम के काम लेकर उनके पास गए थे। उन्होंने किसी को कॉल किया, तो तुरंत हो भी गए थे। दफ्तर में पत्नी बैठती थी, 10-12 लोगों का स्टाफ था
झुंगियां बाजार स्थित गौरव के दफ्तर में उसकी पत्नी पूजा कुमारी भी बैठती थी। वहां 10-12 बॉडीगार्ड और स्टाफ के रूप में तैनात रहते थे। यह भव्य सेटअप देखकर लोग विश्वास में आ गए थे। एसपी सिटी ने बताया कि एक IAS अधिकारी का सेटअप बनाने के लिए वह लाखों का खर्च उठा रहा था। इसके लिए वह अपने चंगुल में फंसने वाले कारोबारियों से पैसा वसूलता था। व्यापारी से 1.70 करोड़ लिए, 200 करोड़ के टेंडर का झांसा दिया
एसपी सिटी अभिनव त्यागी ने बताया- पटना के मोकामा में रहने वाले व्यापारी मुकुंद माधव से सितंबर, 2024 में अररिया (बिहार) के एक होटल में गौरव मिला। गौरव ने मुकुंद को बताया कि मैं एक आईएएस अधिकारी हूं और बड़े सरकारी टेंडर दिलवाता हूं। विश्वास में लेकर उसने मुकुंद को गोरखपुर बुलाया। दफ्तर का रौब देखकर मुकुंद माधव पूरी तरह झांसे में आ गए। पहले दिन ही 10 लाख रुपए दे दिए। इसके बाद अप्रैल, 2025 से कई बैंक खातों में कुल 1 करोड़ 70 लाख रुपए ट्रांसफर कर दिए। अलग-अलग मौकों पर 25 लाख रुपए नकद और दो लग्जरी कार भी ले लीं। जुलाई, 2025 में जब व्यापारी ने टेंडर की स्थिति पूछी तो ललित ने मुख्य कार्यपालक अधिकारी गोरखपुर, सहायक प्रस्तुतकर्ता पदाधिकारी एसनगर विकास भवन, आयुक्त कार्यालय मंडल गोरखपुर के नाम से एआई आधारित फर्जी पत्र भेजकर बताया कि उन्हें भवन आवंटित कर दिया गया है। इन वॉट्सऐप संदेशों से पीड़ित पूरी तरह प्रभाव में आ गया था। जब व्यापारी मुकुंद माधव ने दोबारा पूछताछ की तो गौरव लगातार अलग-अलग अखबारों की फर्जी कटिंग भेजता रहा। जिनमें लिखा होता था कि मुकुंद माधव को 200 करोड़ का टेंडर मंजूर हो गया है। एआई से तैयार की गई ये कटिंग मुकुंद को बड़े स्तर पर ठगने की रणनीति का हिस्सा थी। इसके बाद जब टेंडर नहीं मिला तो मुकुंद ने रुपए वापस मांगे। इस पर गौरव और उसके साथियों ने मुकुंद को जान से मारने की धमकी दी। घबराकर व्यापारी मुकुंद ने 6 दिसंबर को गुलरिहा थाने में शिकायत दी। इस पर पुलिस ने FIR दर्ज कर कार्रवाई तेज कर दी। पुलिस की जांच में पता चला है कि गौरव ने सीतामढ़ी की पूजा कुमारी से शादी की है। गौरव के मोबाइल देखकर उसकी 4 गर्लफ्रेंड का भी पता चला। चैट पढ़ने पर पता चला कि 3 गर्लफ्रेंड तो प्रेग्नेंट हैं। इन चैट से सामने आया कि गौरव अपनी पत्नी की गैरमौजूदगी में गोरखपुर के होटलों में गर्लफ्रेंड को बुलाता था। वहां रातभर पार्टी होती थी। इनमें वह कभी-कभी अपने स्टाफ को भी इसमें शामिल करता था। पुलिस मोबाइल चेक कर रही थी, गर्लफ्रेंड ने लगाया स्टेट्स
गोरखपुर पुलिस ने गौरव को गिरफ्तार कर उसका मोबाइल अपने कब्जे में ले लिया। मोबाइल चेक करते समय उसकी एक गर्लफ्रेंड ने गौरव की फोटो स्टेटस पर लगाकर लिखा- मिस यू हैंडसम…। 5 महीने पहले गौरव ने अपना पुराना सिम और मोबाइल में ढेर सारा रिकॉर्ड डिलीट कर दिया था। इधर 6 महीने पहले उसने एक नया मोबाइल और सिम लिया था। इस वजह से पुलिस को उसके पुराने रिकार्ड मोबाइल में नहीं मिल पाए। गर्लफ्रेंड के बयान होगा, पत्नी की भूमिका की जांच शुरू
एसपी सिटी अभिनव त्यागी ने बताया कि गौरव के पास से लेटरपैड और कई मोबाइल नंबर मिले हैं। जिनकी कॉल डिटेल निकलवाई जा रही। मोबाइल से ही गर्लफ्रेंड की बात भी सामने आई है। उनका भी बयान लिया जाएगा। वह कहते हैं- अगर कोई शिकायत करता है तो एफआईआर भी दर्ज कराई जाएगी। इसके अलावा फर्जी IAS के संपर्क में रहने वाले लोगों की लिस्ट बनाई जा रही है। कई राज्यों में धोखाधड़ी की है। वहां की पुलिस से संपर्क कर इसके बारे में और जानकारी जुटाई जा रही है। —————————————- फर्जी IAS की यह खबर भी पढ़ें – MSC पास ट्यूशन टीचर बना फर्जी IAS, यूपी में 4 गर्लफ्रेंड बनाईं, 3 को किया प्रेग्नेंट गोरखपुर में फर्जी IAS गौरव कुमार सिंह उर्फ ललित किशोर पकड़ा गया। वो सिर्फ IAS प्रोटोकॉल मेनटेन करके लिए हर महीने 5 लाख रुपए खर्च कर रहा था। 10-15 लोगों की टीम उसके आगे-पीछे चलती थी। सफेद इनोवा पर लाल-नीली बत्तियां लगाकर वह गांवों का दौरा करता था। पढ़िए पूरी खबर….
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