हापुड़। फतेहपुर जिले में लेखपाल सुधीर कुमार की संदिग्ध मौत के बाद प्रदेशभर में आक्रोश फैल गया है। इसी क्रम में शुक्रवार को हापुड़ तहसील में लेखपालों ने धरना प्रदर्शन किया। उन्होंने अधिकारियों के संवेदनहीन व्यवहार और संवादहीनता का विरोध करते हुए प्रशासनिक अधिकारियों पर उत्पीड़न का आरोप लगाया और न्याय की मांग की। जिला मंत्री विवेक चौधरी ने बताया कि लेखपाल संघ के आह्वान पर पूरे प्रदेश में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि फतेहपुर में तैनात लेखपाल सुधीर कुमार को SIR (सर्वे इन राइट) ड्यूटी के कारण लगातार अवकाश नहीं दिया गया। अत्यधिक कार्यभार और मानसिक दबाव के बीच बैठक में अनुपस्थित रहने पर उन्हें निलंबित कर दिया गया था। लेखपाल संघ का दावा है कि इसी उत्पीड़न से क्षुब्ध होकर सुधीर कुमार ने आत्महत्या कर ली। 50 लाख का मिले मुआवजा लेखपाल संगठन ने इस पूरे प्रकरण के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर कठोर कार्रवाई की मांग की है। जिला मंत्री विवेक चौधरी ने विशेष रूप से पीसीएस अधिकारी संजय सक्सेना के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की। संगठन का आरोप है कि संजय सक्सेना के दबाव और रवैये ने सुधीर कुमार को आत्महत्या के लिए मजबूर किया। इसके अतिरिक्त, लेखपालों ने मृतक के परिवार को 50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता, परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी और SIR की अंतिम तिथि बढ़ाने जैसी प्रमुख मांगें भी रखीं। संगठन का तर्क है कि कम समय-सीमा के कारण निचले स्तर के कर्मचारियों पर अनावश्यक दबाव बढ़ता है, जिससे तनाव और मानसिक उत्पीड़न की स्थिति उत्पन्न होती है। कार्यवाही नहीं तो चलेगा धरना धरना प्रदर्शन कर रहे लेखपालों ने चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों के साथ अन्याय बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और इस मामले में दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। प्रदर्शन में संगठन के कई पदाधिकारी और कर्मचारी मौजूद रहे, जिन्होंने अपने साथी के लिए न्याय की आवाज उठाई। इस दौरान ओमप्रकाश, अलोक यादव, कुलदीप कुमार, अरुणवीर सिंह, शांति देवी, डिंपल चौधरी, कृष्णा शामिल रहे।
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