उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले में स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है। सदर कोतवाली क्षेत्र के साईं मंदिर के सामने मंगलवार को एंबुलेंस न मिलने के कारण एक गर्भवती महिला का सड़क पर ही प्रसव हो गया। परिजनों और आशा कार्यकर्ता ने 108 एंबुलेंस सेवा पर बार-बार संपर्क किया, लेकिन करीब एक घंटे तक कोई वाहन मौके पर नहीं पहुंचा। गाजीपुर थाना क्षेत्र के गंभरी गांव निवासी नरेश रैदास की पत्नी ब्रिजम देवी को प्रसव पीड़ा बढ़ गई थी। एंबुलेंस न आने पर उनके पति आशा कार्यकर्ता के साथ ई-रिक्शा से जिला अस्पताल जा रहे थे। रास्ते में ही महिला की प्रसव पीड़ा और बढ़ गई, जिससे स्थिति गंभीर हो गई। आशा कार्यकर्ता उषा देवी ने राहगीरों और आसपास की महिलाओं की मदद से सड़क पर ही प्रसव कराया। उन्होंने चादर तानकर महिला का सुरक्षित प्रसव सुनिश्चित किया। उषा देवी ने बताया कि परिजनों और राहगीरों ने कई बार एंबुलेंस को फोन किया, लेकिन कोई त्वरित प्रतिक्रिया नहीं मिली। आशा कार्यकर्ता के अनुसार, महिला को लगभग 24 घंटे से प्रसव पीड़ा हो रही थी। सड़क पर प्रसव के करीब एक घंटे बाद एंबुलेंस मौके पर पहुंची और जच्चा-बच्चा को जिला अस्पताल ले जाया गया। फिलहाल, मां और बच्चा दोनों स्वस्थ बताए जा रहे हैं। स्थानीय लोगों ने एंबुलेंस सेवा में देरी को लेकर चिंता व्यक्त की है। उनका कहना है कि आपातकालीन स्थितियों में भी वाहन समय पर नहीं पहुंचते हैं, जिससे सड़क पर प्रसव जैसी गंभीर घटनाएं बढ़ रही हैं। इस घटना ने स्वास्थ्य विभाग के दावों पर सवाल खड़े कर दिए हैं और लोगों ने जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
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