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प्रिंसिपल ने जनरेटर स्टार्ट के लिए भेजा…करंट से गई जान:प्रयागराज में 10 वीं के छात्र की स्कूल में मौत, पिता ने कहा- बेटे को सेना में अफसर बनाना था

सुबह बेटा घर से स्कूल जाने को निकला तो उसने पैर छूकर आशीर्वाद लिया। बोला- पापा स्कूल में मेरा व्हाइट ड्रेस दाई को दे देना, मैं बेटे का ड्रेस स्कूल साढ़े आठ बजे देकर आया। बेटे शिवम ने साढ़े 10 बजे प्रिंसिपल के नंबर से फोन कर ड्रेस के बारे में पूछा। फिर बेटे के बेहोश होने की खबर दूसरे बच्चे के पिता से मिली। स्कूल वाले बिना हमें बताए बेटे की लाश लेकर अस्पताल- अस्पताल घूमते रहे। हमें बता देते तो कम से कम बेहतर इलाज करा कर उसे बचा तो लेते। अभी उसकी मां को बेटे की मौत के बार में नहीं बताया है। ये कहना है 10वीं के छात्र शिवम के पिता अमर सिंह का। वह अपने 14 साल के बेटे को सेना में अफसर बनाना चाहते थे। बेटे के सपने की खातिर उन्होंने खेती किसानी से मिलने वाली रकम को पानी की तरह बहाया, लेकिन अब शिवम इस दुनिया को छोड़ कर जा चुका है। प्रयागराज के धूमनगंज थाना इलाके के ट्रांसपोर्ट नगर स्थित इंडियन पब्लिक स्कूल में गुरुवार को हुए स्पोर्ट्स डे के दिन 10वीं में पढ़ने वाले शिवम की मौत हो गई। पुलिस ने शिवम के पिता की तहरीर पर स्कूल के मैनेजर व प्रिंसिपल के खिलाफ शुक्रवार को केस दर्ज कर लिया है। मुकदमा दर्ज होने के बाद से स्कूल में ताला लग गया है। स्कूल के जिम्मेदार मामले पर कुछ भी बोलने से अब बच रहे हैं। धूमनगंज पुलिस ने शिवम की लाश का पोस्टमॉर्टम शुक्रवार को कराकर परिवार को अंतिम संस्कार के लिए सौंप दिया है। परिवार के मुताबिक, शिवम की लाश का अंतिम संस्कार कौशांबी के बारा स्थित पैतृक गांव में किया जाएगा। अब पूरा मामला सिलसिलेवार तरीके से जानिए। स्थान – ट्रांसपोर्ट नगर का इंडियन पब्लिक स्कूल समय – करीब साढ़े 11 बजे ट्रांसपोर्ट नगर के इंडियन पब्लिक स्कूल में गुरुवार को स्पोर्ट्स डे का आयोजन था। कक्षा एक से 12वीं के बच्चे स्पोर्ट्स ड्रेस में अपने अपने खेल में हिस्सा लेने पंहुचे थे। स्कूल में करीब 140 बच्चे पढ़ाई करते हैं। उन्हीं में एक था 10वीं का छात्र शिवम। स्कूल में उसकी खेल की प्रतिभा को देखते हुए शिवम को स्कूल का स्पोर्ट्स कैप्टन बनाया गया था। शिवम कबड्डी और रेस का बेस्ट प्लेयर था। स्कूल सूत्रों के मुताबिक करीब 11:15 बजे अचानक इलाके में पावर कट हो गया। स्कूल प्रिंसिपल अभय सिंह ने शिवम को बुलाकर कालेज के पावर रूप में जनरेटर चलाने को भेजा दिया। बिना जूते पहने जनरेटर चलाने गया था
बताया जा रहा है कि शिवम रेस खत्म कर लौटा था। उसने पैर में जूते नहीं पहने थे। बावजूद इसके प्रिंसिपल के कहने पर वह जनरेटर स्टार्ट करने चला गया और वह काफी देर नहीं लौटा। पावर चालू न होने पर स्कूल प्रिंसिपल ने दूसरे बच्चों को जनरेटर रूम की तरफ भेजा तो शिवम जनरेटर के पास जमीन पर अचेत गिरा हुआ था। यह देखकर बच्चे सन्न रह गए और आनन- फानन में शोर मचाते हुए स्टाफ रूम की भागे। शिवम की हालत देख स्कूल प्रबंधन ने स्कूल की छुट्टी जल्दीबाजी में करके। उसे लेकर इलाके के निजी नर्सिंग होम में पंहुचे। जहां डॉक्टर ने प्राइमरी उपचार के बाद शिवम को हायर हेल्थ सेंटर ले जाने को रिफर कर दिया। शिवम की हालत देख स्कूल के मैनेजर और प्रिंसिपल एक के बाद एक तीन अस्पताल के चक्कर लगाते रहे। लेकिन किसी अस्पताल से उसे भर्ती नहीं किया। करीब 4 बजे शिवम के परिवार काे दोस्त के पिता से जानकारी मिली तो सभी दौड़ते भागते नारायण स्वरूप अस्पताल पहुंचे। जहां उनका बच्चा एम्बुलेंस में पड़ा मिला। शिवम इकलौता भाई था मेरा
बहन प्रिया ने बताया- उसका इकलौता भाई एम्बुलेंस में अस्पताल के बाहर पड़ा था। स्कूल के प्रिंसिपल व मैनेजर डॉक्टर के चेम्बर में न जाने क्या बात करते हुए काफी देर से बैठे थे। स्कूल वालों ने उसके भाई के साथ जो कुछ भी हुआ उसकी जानकारी सबसे पहले उन्हें नहीं दी। उन्हें शिवम के बेहोश होने की बात स्कूल के एक दूसरे बच्चे के घर के पेरेंट्स के जरिए पता चली। उनका भाई पढ़ाई में तो सामान्य था लेकिन स्पोर्ट्स में वह अच्छा खिलाड़ी था। इसलिए उसे स्कूल में स्पोर्ट्स का कैप्टन बनाया गया। प्रिया ने कहा- भाई हादसे का शिकार हुआ या फिर उसे साजिश के तहत मारा गया। कुछ भी था उन्हें पहले जानकारी देनी चाहिए थी। अगर समय रहते बता देते तो वह शिवम को अच्छे से अच्छे अस्पताल में जाकर इलाज करा कर कम से कम बचा तो लेते। अब उसके साथ कौन शरारत करेगा। किसके हाथ में वह राखी बांधेगी। अपनी मां को शिवम के बारे मे हम नहीं बता पाने की हिम्मत जुटा पा रहे हैं। अब पढ़िए शिवम के पिता अमर सिंह का दर्द …
अमर सिंह मूल रूप से कौशांबी जिले के बारा गांव के रहने वाले है। वह अपने पिता स्व राम निवाज की मौत के बाद उनकी पैतृक भूमि पर खेती किसानी कर पत्नी सरला व बेटा शिवम (14) एवं बेटी प्रिया की परवरिश करते है। अमर सिंह ने बताया- बेटा शिवम पढ़ाई में सामान्य था, लेकिन स्पोर्ट्स में उनकी रुचि और फिर सेना में अफसर बनने के सपने को लेकर उन्होंने बेटी और बेटे को लेकर गांव से 60 किलोमीटर दूर प्रयागराज शहर के धूमन गंज भोला का पूरा में 20×40 का प्लाट साल 2004 में 4 लाख रुपए से खरीद कर घर बनवाया। पत्नी सरला गांव की देखभाल करती है, तो वह बच्चों की परवरिश व भविष्य के लिए शहर के मकान में रहते हैं। पिता अमर सिंह ने बताया- गुरुवार की सुबह बेटा शिवम स्कूल के लिए तैयार होकर कमरे से निकला तो उसने पैर छूकर कहा “पापा स्कूल में उसकी व्हाइट ड्रेस साढ़े आठ बजे तक दाई के पास लाकर दे दीजिएगा, आज स्पोर्ट्स डे है तो मेरे कपड़े गंदे हो जाएगे। मैंने बेटे के कपड़े स्कूल में दे आया। सुबह साढ़े 10 बजे शिवम ने स्कूल के प्रिंसिपल के नंबर से फोन कर ड्रेस के बारे में पूछा। इसके बाद उन्हें उसके घर के पास रहने वाले अभय यादव ने फोन कर कहा कि आपका बेटा स्कूल में दौड़ते समय गिर कर बेहोश हो गया। उसे अस्पताल लेकर गए हैं। हम अस्पताल पहुंचे तो बेटे की लाश एम्बुलेंस में रख कर स्कूल वाले अस्पताल में अंदर बैठे थे। इलाज के लिए उसे स्वरूपरानी लेकर आए तो डॉक्टर ने उसे मृत बता दिया। शिवम के बारे में बात करते हुए पिता रोने लगे
शिवम के बारे में बात करते हुए अमर सिंह फूट कर रोने लगे। उन्होंने कहा कि बेटे की मौत की खबर इतनी हैरान करने वाली है कि शिवम की मां को उनकी मौत की बात बताने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं। सोचा था बेटा पढ़-लिख कर सेना की नौकरी कर परिवार का सहारा बनेगा, लेकिन स्कूल वालों ने बेटे के साथ क्या कर दिया। पूरी दुनिया, सपने और संसार सब उजड़ गया। मां को बताया- बेटा अस्पताल में है
मामा राकेश यादव ने बताया- जब से भांजे के साथ हुई घटना के बारे में पता चला है। पूरा परिवार स्कूल वालों से पूछता रहा, लेकिन कोई कुछ बताने को तैयार नहीं है। भांजे की लाश सामने है, लेकिन अपनी बहन को उसके बेटे की मौत की खबर बता पाने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं। उसे सिर्फ बता सके हैं कि उसका बेटा अस्पताल में है। जीजा आशीष यादव ने बताया- शिवम सेना में जाने के लिए इस कदर मेहनत करता था कि महज 14 साल की उम्र में वह सुबह 6 बजे से धुस्सा ग्राउंड में रेस लगाने के लिए रोज पहुंचता था। कबड्डी और रेस का वह अच्छा खिलाड़ी था। इसलिए उसे स्कूल में स्पोर्ट्स कैप्टन बनाया गया था। अब पढ़िए पुलिस कार्रवाई
स्कूल कैंपस में शिवम की मौत की पहली जानकारी पुलिस को स्कूल के प्रिंसिपल ने थाना धूमनगंज में जाकर करीब 3 बजे दी। स्कूल के प्रिंसिपल अभय सिंह ने पुलिस को बताया- उनके स्कूल परिसर में खेलने के दौरान फील्ड में गिर कर बेहोश हुआ। जिसकी इलाके के निजी अस्पताल मे इलाज के दौरान मौत हो गई। पुलिस ने सूचना के आधार पर शिवम की लाश कब्जे में लेने पहुंची तो अस्पताल के बाहर मृतक बच्चे के परिवार ने स्कूल वालों पर आरोप लगा कर कानूनी कार्रवाई की मांग उठाई। शव को चौराहे पर रखकर चक्का जाम किया
पोस्टमॉर्टम के बाद परिजन शव को लेकर धूमन गंज पुलिस चौकी पहुंचे। शव को चौराहे पर रखकर चक्का जाम कर दिया। इस दौरान पुलिस और परिजनों के बीच शव को लेकर तीखी छीना-झपटी भी हुई। परिजनों ने स्कूल और प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। परिजनों ने आरोप लगाया कि स्कूल प्रशासन की लापरवाही के कारण छात्र की मौत हुई है। थाना प्रभारी राकेश उपाध्याय ने बताया- स्व रूपरानी अस्पताल से 14 वर्षीय शिवम का शव कब्जे में लिया गया। पिता अमर सिंह से मिली तहरीर के अनुसार शव का पोस्ट मॉर्टम शुक्रवार को कराया गया। स्कूल के प्रबन्धक व प्रिंसिपल के खिलाफ मारपीट कर हत्या किए जाने का गंभीर आरोप लगाया है। जिसमे धारा 103(1) व 115(2) बीएचएस के तहत मुकद्दमा दर्ज किया गया है। जल्द मुकदमे से संबन्धित लोगों की पहचान कर गिरफ्तारी की जाएगी। ———————– ये खबर भी पढ़ें…. प्रयागराज के नामी स्कूल में 10वीं के छात्र की मौत:टीचर लाश लेकर घूमते रहे; हाथ पर चोट के निशान, मामा बोले- करंट लगाकर मारा गया प्रयागराज के इंडियन पब्लिक स्कूल में हाईस्कूल के एक छात्र की मौत हो गई। वह अपने माता-पिता का इकलौता बेटा था। छात्र सुबह स्कूल गया था। दोपहर में क्लासमेट ने उसकी तबीयत बिगड़ने की परिवार को जानकारी दी थी। इसके बाद परिवार स्कूल पहुंचा। तब तक स्कूल प्रशासन उसे अस्पताल लेकर चला गया था। पढ़ें पूरी खबर…


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