टीईटी अनिवार्यता को खत्म करने की मांग को लेकर देशभर के शिक्षक नई दिल्ली में जुट आंदोलन कर रहे हैं। प्रयागराज शिक्षकों हब कहलाता है। ऐसे में संगम नगरी के शिक्षकों का कई गुट इस आंदोलन को धार देने के लिए दिल्ली पहुंचा है। दिल्ली के जंतर-मंतर पर चल रहे जोरदार प्रदर्शन में प्रयागराज के शिक्षक बड़ी संख्या में हुंकार कर रहे हैं।
प्रयागराज के शिक्षकों का दिल्ली जाने का सिलसिला अभी भी जारी है। वह आंदोलन को आगे बढ़ाने की रणनीति पर काम कर रहे हैं। शिक्षकों का कहना है कि जब तक मांगे नहीं मानी जाती वह दिल्ली के बाद यूपी के शहरों में आंदोलन को आगे बढ़ाते रहेंगे। शिक्षक नेता धरना प्रदर्शन की तस्वीरें, वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर कर रहे हैं। अखिल भारतीय शिक्षक संघर्ष मोर्चा के नेतृत्व में हुए इस धरने में लाखों शिक्षकों ने हिस्सा लिया। प्रयागराज से पहुंचे शिक्षकों के समूह सोशल मीडिया के माध्यम से भी विरोध प्रदर्शन जता रहे हैं। धरना स्थल पर मौजूद लाखों शिक्षकों ने प्रदर्शन की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया अकाउंट पर साझा कर रहे हैं। प्रदर्शन की तस्वीरें देखिए… शिक्षक संगठनों ने केंद्र सरकार से मांग की है कि शीतकालीन सत्र में अध्यादेश लाकर 2011 से पहले नियुक्त शिक्षकों के लिए टीईटी पास करना अनिवार्य न किया जाए। संगठनों का कहना है कि एनसीटीई के फैसले से करीब 10 लाख शिक्षक प्रभावित हो रहे हैं, जिनमें सबसे ज्यादा 1.86 लाख शिक्षक उत्तर प्रदेश के हैं। मोर्चा के राष्ट्रीय सह संयोजक अनिल यादव ने कहा कि यह फैसला शिक्षकों की कई सालों की सेवा और योग्यता पर सवाल खड़ा करता है। राज्यों के शिक्षा विभाग लगातार शिक्षकों को प्रशिक्षण दे रहे हैं, फिर भी उनकी काबिलियत पर संदेह जताना उचित नहीं है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने जल्द निर्णय नहीं लिया तो शिक्षक संगठन दिल्ली घेराव के लिए बाध्य होंगे। प्रदर्शन के बाद शिक्षकों ने तय किया कि वे स्कूलों में जाकर काली पट्टी बांधकर पढ़ाएंगे, ताकि विरोध जारी रहे। अब सबकी निगाहें संसद के शीतकालीन सत्र पर टिकी हैं, जहां से उन्हें किसी राहत की उम्मीद है।
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