मेरठ में बृहस्पतिवार को प्रभारी मंत्री धर्मपाल सिंह ने मेडिकल कॉलेज में बने अस्पताल का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने इमरजेंसी, लैब, वार्डों में मरीजों की स्थिति के साथ प्राचार्य के कार्यालय की भी व्यवस्थाएं देखी। जिसमें जब उनको खामियां मिली तो उन्होंने प्राचार्य को भी तत्काल व्यवस्था बनाने में गंभीरता बरतने के निर्देश देते हुए फटकार लगाई। आखिरी सांस तक मरीज को मिले इलाज इमरजेंसी में भर्ती एक मरीज ने प्रभारी मंत्री से। इलाज में लापरवाही की शिकायत की , इसपर संज्ञान लेते हुए उन्होंने प्राचार्य को फटकार लगाते हुए कहा कि इस बात को सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि अगर मरीज अस्पताल में भर्ती है तो आखिरी सांस तक उसको इलाज और हर बेहतर सुविधा देने का प्रयास कॉलेज का रहना चाहिए। सफाई व्यवस्था से दिखे नाखुश प्रभारी मंत्री का निरीक्षण औचक होने के कारण इसकी किसी को जानकारी नहीं थी। जैसे ही वे अस्पताल पहुंचे तो अस्पताल कर्मी उनके सामने ही झाड़ू लगाते दिखाई दिए तो कुछ जगह गंदगी ज्यों की त्यों ही पड़ी रही । इसपर उन्होंने कहा कि अस्पताल परिसर में सफाई व्यवस्था पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। यहां जो लोग आते है वो ठीक होने आते है न कि और अधिक संक्रमण यहां से लेने । लापरवाही या अभद्रता पर तत्काल कार्रवाई प्रभारी मंत्री ने कहा कि यदि अब एक भी मामला यहां ऐसा आता है जिसमें डॉ द्वारा मरीज या तीमारदार से अब्दरता की गया या उसके इलाज में लापरवाही की जाती है तो ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई तत्काल प्रभाव से करने का कार्य प्राचार्य द्वारा किया जाना चाहिए । यह कॉलेज पश्चिमी उत्तरप्रदेश का सबसे बड़ा कॉलेज है यहां से जो भी संदेश जाता है वह पूरे प्रदेश में जाता है और यहां की छवि को दर्शाता है। स्टाफ की कमी भी जल्द होगी पूरी उन्होंने प्राचार्य को कहा कि अस्पताल में जो भी स्टाफ की कमी है उनका एक पत्र स्वास्थ्य मंत्री को भेजे और मैं भी उनसे बात करूंगा कि यह प्रक्रिया जल्द से जल्द पूरी कर स्टाफ की कमी पूरी की जाए ताकि मरीजों को हर बेहतर सुविधा और इलाज अस्पताल में दिया जा सके।
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