पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर कपल का अश्लील वीडियो बनाकर 32 हजार रुपये वसूलने वाले चार टोल कर्मचारियों को टर्मिनेट कर दिया गया।मामले में FIR भी हुई और पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया, जबकि एक फरार है। लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि 11 नवंबर से पूरी जानकारी होने के बावजूद यूपीडा के जिस JE ने कार्रवाई नहीं की, उन्हें लखनऊ से आए उच्च अधिकारियों ने बचा लिया। वीडियो 25 अक्टूबर को बना, 11 नवंबर को JE को शिकायत मिली सूत्रों के मुताबिक— लेकिन इसके बाद JE शिकायतकर्ताओं को टालते रहे।सूत्र कहते हैं कि “चढ़ावे” की वजह से उन्होंने कार्रवाई करने की हिम्मत नहीं जुटाई। DM–SP–CM तक मामला पहुंचा, तब खुली कार्रवाई की फाइल JE की चुप्पी के बाद शिकायतकर्ता थककर—DM, SP और CM तक पहुंचे।मीडिया में मामला आने और शासन के संज्ञान लेने के बाद ही टोलकर्मियों पर कार्रवाई सुनिश्चित हुई। ATMS मैनेजर के टर्मिनेशन में भी गड़बड़ी एडवांस्ड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (ATMS) के मैनेजर आशुतोष सरकार के टर्मिनेशन में भी बड़ा खेल सामने आया— यह साफ संकेत है कि करप्शन की चेन लखनऊ तक जुड़ी हुई थी। गिरफ्तार तीन, एक फरार—और भी नाम सामने आ सकते हैं पुलिस ने अब तक जिन 3 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा है— फरार आरोपी— पुलिस सूत्रों का दावा है कि जांच में यूपीडा के और अधिकारियों के नाम भी सामने आ सकते हैं।
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