लखनऊ के गोमती नगर में रिटायर्ड IAS के घर के बाहर मिली महिला की लाश की पुलिस ने गुत्थी सुलझाकर 1 निर्दोष को जेल जाने से बचा लिया है। पुलिस ने 200 सीसीटीवी कैमरे और 1000 मोबाइल नंबरों को खंगालकर यह सफलता पाई है। इन्हीं साक्ष्यों के आधार पर 2 आरोपियों को गिरफ्तार करके जेल भेजा है। दरअसल, महिला की शिनाख्त के बाद उसके भाई ने लिव-इन पार्टनर पर हत्या करने का आरोप लगाया था। पुलिस ने उसे हिरासत में लेकर पूछताछ की। इलेक्ट्रॉनिक एवीडेंस खंगाले, तो उसके खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला। इस पर पुलिस ने अन्य एंगल पर जांच शुरू की। पुलिस सीसीटीवी फुटेज और सर्विलांस की मदद से आरोपियों तक पहुंची। अब सिलसिलेवार घटनाक्रम को समझते हैं… दीवार से सटाकर रखा था शव लखनऊ के गोमतीनगर में 1 दिसंबर को रिटायर्ड IAS के घर के बाहर 37 वर्षीय महिला की लाश मिली। लाश सड़क के किनारे नाली पर रखकर दीवार से सटाकर रखी गई थी, जिससे देखने में लग रहा था कि महिला बैठी है। राहगीरों को घंटों तक यही लगा कि कोई महिला बैठी है। सुबह करीब 9 बजे तक महिला वहां से नहीं हिली, तो लोगों ने पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर लाश को कब्जे में ले लिया। उसकी पहचान की कोशिश की। रात करीब 8 बजे महिला की पहचान हुई। वह अलीगंज सेक्टर- B की रहने वाली थी। भाई ने लिव-इन पार्टनर पर लगाया हत्या का आरोप पहचान करने के बाद महिला के भाई ने निशातगंज में रहने वाले उसके लिव-इन पार्टनर पर महिला की हत्या करने का आरोप लगाया। इसे सच साबित करने के लिए उसने पुलिस को गुमराह किया। पुलिस को बताया कि 30 नवंबर और 1 दिसंबर की रात करीब 1 बजे बहन के लिव-इन पार्टनर ने बड़ी बहन को फोन किया था। लिव-इन पार्टनर ने फोन पर कहा था कि ‘तुम्हारी बहन बिना बताए कहीं चली गई है, जाकर उसे ढूंढो।’ लिव-इन पार्टनर के खिलाफ नहीं मिले साक्ष्य महिला के बहन के ऊपर हत्या का आरोप लगने के बाद पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया। उससे पूछताछ की। उसने बताया कि शनिवार को वह आखिरी बार महिला से मिला था। उसके बाद उसकी उससे न तो मुलाकात हुई और न ही बातचीत। पुलिस ने उससे महिला की बड़ी बहन को उसके लापता होने की जानकारी देने के लिए फोन करने की बात पूछी, तो उसने कहा- मैंने कोई फोन नहीं किया। इस पर पुलिस ने उसके मोबाइल नंबर की कॉल डिटेल निकाली। इससे साफ हो गया कि उसने महिला की बड़ी बहन को फोन नहीं किया था। उसका भाई झूठ बोल रहा था। पुलिस को महिला के लिव-इन पार्टनर के खिलाफ सीसीटीवी फुटेज, लोकेशन और अन्य इलेक्ट्रॉनिक एवीडेंस भी नहीं मिले। इससे साफ हो गया कि महिला की हत्या लिव-इन पार्टनर ने नहीं की है। इसमें किसी अन्य का हाथ है। घटना स्थल के आसपास खंगाला सीसीटीवी तो मिला सुराग लिव-इन पार्टनर के खिलाफ साक्ष्य नहीं मिलने पर पुलिस ने अन्य एंगल से जांच शुरू की। घटना स्थल के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों को खंगाला, तो 1 दिसंबर की रात 3 बजे ई-रिक्शा सवार 2 संदिग्ध युवक दिखे। पुलिस ने सीसीटीवी कैमरों की फुटेज से ही उनका पीछा किया। ऐसा करने के लिए 200 सीसीटीवी कैमरे खंगाले। गोमती नगर रेलवे स्टेशन शराब के ठेके पास महिला और ई-रिक्शा सवार की अहम फुटेज मिली। इस पर पुलिस ने घटना स्थल से लेकर गोमती नगर रेलवे स्टेशन तक घटना के समय सक्रिय मोबाइल नंबरों को खंगाला। इस पर 2 आरोपियों का डेटा मिला। इसके आधार पर पुलिस ने दोनों आरोपियों को 3 दिसंबर को गिरफ्तार कर लिया। उनकी पहचान कानपुर निवासी देवेन्द्र सिंह और गोमती नगर विशाल खंड-2 निवासी सूरज पाल के रूप में हुई। अब पढ़िए महिला की क्यों और कैसे हत्या हुई….
1 आरोपी को रास्ते में मिली थी महिला आरोपी देवेन्द्र ने पुलिस को बताया- 30 नवंबर की रात 8 बजे अपने ई-रिक्शा से नवाब पुरवा ठेके पर शराब लेने गया था। गोमती नगर रेलवे स्टेशन के पास महिला ने हाथ देकर रोका और ई रिक्शा में बैठ गई। रास्ते में मैंने उससे सेक्स करने की बात कही। महिला ने कहा कि शराब पिलाओगे, तो साथ चलूंगी। मैंने यह बात अपने दोस्त सूरज को फोन करके बताई। उसने कहा कि ठीक है। महिला को घर ले आओ। मैं महिला को विशाल खंड- 2 पानी की टंकी के पास सूरज की झोपड़ी में ले गया। वहां हम तीनों ने बैठकर शराब पी। फिर हम दोनों ने उसके साथ सेक्स किया। महिला के पैसा मांगने पर हुआ विवाद देवेन्द्र ने पुलिस को बताया- सेक्स करने के बाद महिला पैसे मांगने लगी। हम लोगों की पैसों के लेनदेन की कोई बात ही नहीं हुई थी। इस वजह से हमने मना कर दिया। इस पर महिला ने हंगामा शुरू कर दिया। कहने लगी की पुलिस बुला लेगी। आसपास पॉश रिहायशी इलाका होने के कारण हम लोग उसे शांत करवाने लगे, लेकिन वह नहीं मानी। गुस्से में हम दोनों ने महिला को धक्का दे दिया, जिससे उसका सिर पीछे रखे तख्ते के कोने से लड़ गया। वह बेहोश हो गई। काफी देर तक नहीं उठी। नशा अधिक होने के कारण हम दोनों ने भी ज्यादा ध्यान नहीं दिया। रात करीब 3 बजे नशा कम हुआ, तो महिला को बेहोश देखकर डर गए। महिला को ई-रिक्शा में महिला को डालकर करीब 200 मीटर दूर एक जगह पर बैठा दिया। हमें लगा कि जब होश आएगा तब वह घर चली जाएगी। सुबह उसकी मौत की खबर से हम लोग घबराकर फरार हो गए। चलते-चलते महिला के बारे में जान लीजिए… महिला के परिवार में चार भाई-बहन और मां हैं। पिता की कोरोना काल में मौत हो गई थी। वह सरकारी विभाग में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी थे। पिता की नौकरी भाई को मिल गई है। महिला ने 12वीं तक पढ़ाई की थी। इसके बाद निजी काम कर लेती थी। परिजनों का कहना है कि निशातगंज में रहने वाले महिला के लिव-इन पार्टनर ने उसकी जिंदगी खराब की थी। उसकी के संपर्क में आने के बाद उसने घरवालों का कहना मानना भी बंद कर दिया था। पूछने पर कहती थी कि उससे शादी कर ली है। करीब 8 माह पहले मामला थाने तक भी गया था, लेकिन महिला ने पुलिस से कह दिया था कि दोनों ने शादी कर ली है। इस वजह से कोई कार्रवाई नहीं हुई थी।
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