पीलीभीत के पंसड़ी गांव में मंगलवार शाम युवक प्रदीप कुमार की गोली मारकर हत्या कर दी गई। इस मामले में पुलिस की घोर लापरवाही सामने आई है। मृतक की चचेरी बहन से छेड़छाड़ के मामले में सात माह पहले 15 अप्रैल को मुकदमा दर्ज हुआ था। लेकिन पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया था। पुलिस की इस निष्क्रियता के कारण दबंगों के हौसले बुलंद हो गए। जिसके परिणामस्वरूप उन्होंने इस बड़ी वारदात को अंजाम दिया। घटना के बाद एसपी अभिषेक यादव ने तत्काल कार्रवाई करते हुए लापरवाही बरतने के आरोप में थानाध्यक्ष दिगंबर सिंह, हल्का दरोगा अभिषेक यादव और बीट कांस्टेबल अखिलेश यादव को निलंबित कर दिया है। थाना हजारा की कंबोज नगर चौकी प्रभारी गौतम सिंह को दियोरिया कोतवाली की कमान सौंपी गई है। मृतक प्रदीप बरेली में जीएनएम की पढ़ाई कर रहा था और गांव में पूजा के लिए घर आया था। उसका गांव के झगड़े से कोई सीधा संबंध नहीं था। प्रदीप के पिता सुरेश चंद्र ने आरोप लगाया है कि उन्होंने दबंगों से मिल रही जान-माल की धमकियों के बारे में कई बार पुलिस को सूचित किया था। हालांकि, पुलिस ने हर बार केवल आश्वासन देकर मामले को टाल दिया। उन्होंने यह भी बताया कि फायरिंग की पिछली घटना को भी पुलिस ने पटाखों की आवाज कहकर खारिज कर दिया था। पिता सुरेश चंद्र की तहरीर पर पुलिस ने आठ लोगों के खिलाफ घर में घुसकर हत्या करने का मुकदमा दर्ज किया है। इनमें मुरारी लाल, मेवाराम, बादशाह, राम औतार, अमन, शिवम, सूरज पाल और आशीष की मां शामिल हैं। नए थानाध्यक्ष गौतम सिंह ने घटनास्थल का मुआयना किया और पीड़ित परिवार को जल्द ही सभी आरोपियों की गिरफ्तारी का आश्वासन दिया है। पुलिस अधीक्षक ने अंतिम संस्कार से पहले छह टीमें गठित कर आरोपियों की गिरफ्तारी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।
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