आगरा के डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय ने नकल रोकने के लिए सख्त कदम उठाए हैं। निर्देश दिए गए हैं कि सामूहिक नकल होने पर कॉलेज को तीन साल के लिए डिबार किया जाएगा। हालांकि पिछली परीक्षा में पकड़े गए 65 कॉलेजों पर अब तक कार्यवाही नहीं हुई है।
विश्वविद्यालय की 21 नवंबर से स्नातर स्तर की बीए, बीएससी, बीकॉम प्रथम, तृतीय, पंचम और परास्नातक स्तर एमए, एमएससी, एमकॉम प्रथम, तृतीय सेमेस्टर की परीक्षा शुरू हुई है। परीक्षा 20 दिसंबर तक चलेंगी। प्रथम सेमेस्टर की परीक्षाए स्व केंद्रों पर कराई जा रही हैं।
परीक्षा में नकल रोकने के लिए निर्देश दिए गए हैं कि सामूहिक नकल की शिकायत पर जांच कराई जाएगी। अगर जांच में पु्ष्टि होती है, तो कॉलेज को तीन साल के लिए डिबार कर दिया जाएगा। वहीं, अगर सीसीटीवी बंद मिले तो कॉलेज पर 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। निर्देशों को कॉलेजों के लॉग इन पर डाल दिया गया है।
लेकिन विश्वविद्यालय के इन निर्देशों पर सवाल खड़े हो रहे हैं। अप्रैल में हुई सम सेमेस्टर की परीक्षा में 65 कॉलेजों में नकल पकड़ी गई थी। जांच कमेटी भी बनाई गई थी। लेकिन किसी भी कॉलेज को डिबार नहीं किया गया। जिन कॉलेजों में सामूहिक नकल की रिपोर्ट दी गई थी, उन पर भी कार्रवाई नहीं हुई। यही नहीं, ऐसे कॉलेजों को फिर से केंद्र बना दिया गया है।
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