महराजगंज में पराली जलाने के मामलों में लगातार बढ़ोतरी के बाद प्रशासन ने सख्त रुख अपना लिया है। लापरवाही पर कार्रवाई करते हुए नौ लेखपालों को निलंबित कर दिया गया है। वहीं चारों तहसीलों के SDM, कृषि उपनिदेशक और विभिन्न थाना क्षेत्रों के SO को भी कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं। कई ग्राम प्रधानों को भी नोटिस भेजे गए हैं। धान की कटाई में मानकों का पालन न करने वाली 40 कंबाइन मशीनों को जब्त कर लाखों का जुर्माना ठोका गया है। सूत्रों के मुताबिक, पराली जलाने के मामलों में महराजगंज प्रदेश में सबसे ऊपर है। अब तक 380 घटनाएं दर्ज हो चुकी हैं। इन मामलों को रोकने के लिए प्रशासन जन-जागरूकता अभियान के साथ-साथ लगातार सख्त कदम उठा रहा है, लेकिन घटनाओं में अपेक्षित कमी नहीं आई है। देखें 2 तस्वीरें… पराली जलाने से होने वाले पर्यावरणीय और स्वास्थ्य संबंधी खतरों को देखते हुए डीएम संतोष कुमार शर्मा रोजाना अधिकारियों के साथ बैठक कर रणनीति बना रहे हैं। डीएम खुद गांवों में जाकर किसानों को पराली जलाने से होने वाले नुकसान के बारे में जागरूक कर रहे हैं। जिलाधिकारी ने बताया कि जिले के लगभग 90 फीसदी किसान धान की खेती करते हैं और पराली जलाने के सबसे ज्यादा मामले यहीं सामने आ रहे हैं। अब तक कई लोगों पर कार्रवाई कर करीब 16 लाख रुपए जुर्माना लगाया गया है। प्रशासन का कहना है कि अभियान और कड़ी कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी।
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