प्रयागराज में विकास प्राधिकरण के बाबू को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ अरेस्ट किया गया। बाबू को अरेस्ट करने के लिए एंटी करप्शन टीम ने करीब 5.30 घंटे तक ऑपरेशन चलाया। ऑपरेशन करीब सुबह 9 बजे शुरू हुआ। आरोपी बाबू को करीब 2.30 बजे हिरासत में लिया गया। एंटी करप्शन की टीम ने पूरा प्लान बनाया। शिकायतकर्ता को रुपए देकर बाबू के कमरे में भेजा। शिकायतकर्ता ने बाबू के कागज में लपेटकर बाबू को 8 हजार रुपए दिए। रुपए देते ही एंटी करप्शन की टीम अंदर पहुंच गई। टीम जैसे ही कमरे में घुसी बाबू ने हाथ में लिए 8 हजार रुपए मेज के नीचे फेंक दिए। रुपए फेंकने के बाद वह संभल पाते, इससे पहले टीम ने उन्हें दबोच लिया। बाबू और प्राधिकरण के अन्य कर्मचारियों ने धक्का-मुक्की और गाली-गलौज शुरू कर दी। किसी तरह टीम उन्हें सिविल लाइंस थाने ले गई। अब विस्तार से जानिए टीम ने बाबू को कैसे पकड़ा… 8:51 बजे निकली टीम एसीओ टीम 9 दिसंबर की सुबह 8:51 बजे प्रभारी निरीक्षक चंद्रभान सिंह के नेतृत्व में निकली। 9:30 बजे टीम डीएम कैंप ऑफिस पहुंची। डीएम के निर्देश पर एडीएम सिटी ने लिपिक राजबहादुर और धर्मेंद्र सिंह को गवाह बनाया। इसके बाद दोनों को लेकर टीम एसीओ थाने लौटी, जहां शिकायतकर्ता से 500-500 के 16 नोट (कुल 8,000 रुपए) लिए गए। नोटों पर फिनाफ्थलीन पाउडर लगाकर शिकायतकर्ता को दी गई। बाबू को कॉल कर पहुंचा शिकायतकर्ता टीम करीब 1 बजे टीम पीडीए ऑफिस पहुंची, लेकिन बाबू अजय कुमार सीट पर नहीं मिला। इसके बाद भूतल पर आकर की गई। जानकारी करने पर पता चला कि वह 8वें फ्लोर पर मीटिंग चल रही है। अजय कुमार भी मीटिंग में है। दोपहर 2:15 बजे जब शिकायतकर्ता ने फोन किया तो बाबू ने कॉल रिसीव कर कहा- मैं ऑफिस में ही हूं… आ जाओ। इसके बाद टीम एक बार फिर वहां पहुंची। शिकायतकर्ता कमरे में गया। उसने रजिस्ट्री के कागजात बाबू को दिए। बाबू ने तुरंत पूछा- जो माल-पानी बताया था, लाए हो? शिकायतकर्ता ने कम करने की बात कही, लेकिन बाबू ने मना कर दिया। इसके बाद शिकायतकर्ता ने कागज में छिपाए नोट बाबू के हाथ में पकड़ा दिए। बाबू नोट गिन ही रहा था कि तभी टीम अंदर घुसी। हड़कंप मचते ही उसने नोट मेज के नीचे फेंक दिए। वह संभल रहा था, तभी एंटी करप्शन टीम ने उसे पकड़ लिया। पूछताछ में आनाकानी करने लगा जब एसीओ टीम आरोपी के पास पहुंची और अपना परिचय देते हुए उससे नोट लेने का कारण और नाम-पता पूछा, तो वह आनाकानी करने लगा। बाद में उसने अपना नाम अजय कुमार पुत्र लखन सिंह, निवासी 31/113-ए बेनीगंज, थाना खुल्दाबाद बताया। यह भी कहा कि वह विकास प्राधिकरण में संप्रति कनिष्ठ सहायक, अधिष्ठान अनुभाग में तैनात है। टीम ने उसके हाथ से पकड़े गए नोट कब्जे में ले लिए। मौके पर ही आरक्षी दिनेश प्रसाद ने तीन साफ शीशे के गिलासों में सोडियम कार्बोनेट का घोल तैयार किया। इसके बाद आरोपी अजय कुमार, शिकायतकर्ता प्राणेन्द्र पांडेय और ट्रैप टीम प्रभारी की उंगलियां बारी-बारी उसमें धुलवाई गईं। तीनों घोलों का रंग गुलाबी हो गया, जिससे रिश्वत के लेन-देन की पुष्टि हो गई। आरोपी को छुड़ाने के लिए धक्का-मुक्की कार्रवाई के दौरान मौके पर विकास प्राधिकरण के कई कर्मचारी और आसपास के लोग जुट गए। भीड़ ने आरोपी को छुड़ाने के लिए धक्का-मुक्की, गाली-गलौज और मारपीट तक शुरू कर दी। भारी हंगामे के बीच एसीओ टीम ने किसी तरह आरोपी को सुरक्षित बाहर निकाला। उसे सिविल लाइंस थाने ले जाकर आगे की कार्रवाई शुरू की। अब पूरा मामला जानिए… प्रयागराज में शांतिपुरम के प्राणेश पांडेय के नाम 5 साल पहले PDA से लॉटरी के जरिए जमीन का आवंटन हुआ था। लॉकडाउन में नौकरी चली गई। इसलिए रजिस्ट्री के लिए रुपए जुटाने में दिक्कत हुई। अलॉटमेंट के बाद दो महीने तक लेखाधिकारी और बाबू ने फाइल लटकाए रखी। बाद में इस जमीन की रजिस्ट्री के लिए वह PDA कार्यालय पहुंचे थे। यहां उनकी मुलाकात कनिष्ठ सहायक अजय कुमार से हुई। प्राणेश पांडेय ने बताया कि कनिष्ठ सहायक अजय कुमार ने प्रक्रिया आगे बढ़ाने के नाम पर 10 हजार रुपए की मांग की। परेशान होकर मैंने अखबार में छपे नंबर से एंटी करप्शन ऑर्गेनाइजेशन से संपर्क कर शिकायत दर्ज कराई। शिकायत मिलने पर एंटी करप्शन यूनिट ने पहले शुरुआती जांच की। जांच में शिकायत सही पाए जाने पर आरोपी बाबू को रंगे हाथ पकड़ने की योजना बनी। इसी के तहत ट्रैप टीम को तैनात किया गया। मंगलवार की दोपहर प्राणेश पांडेय रिश्वत की रकम देने के लिए PDA पहुंचे। यहां कनिष्ट सहायक अजय कुमार से अपने काम की बात की। अजय कुमार ने रिश्वत की रकम मांगी। शिकायतकर्ता ने उसे पहले आठ हजार रुपए ही देने को कहा। बाकी रकम काम के बाद देने की बात कही। बाबू ने हामी भरी और आठ हजार रुपए ले लिए। इसी दौरान एंटी करप्शन टीम ने रंगे हाथ पकड़ लिया। दो मुकदमे दर्ज इस मामले में कुल दो मुकदमे एसीओ प्रयागराज थाना व सिविल लाइंस थाना में दर्ज हुए हैं। एसीओ प्रयागराज में आरोपी अजय के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम और सिविल लाइंस थाने में विकास प्राधिकरण के 40-50 अज्ञात कर्मचारियों पर एसीओ टीम से मारपीट, गालीगलौज के आरोप में मुकदमा दर्ज हुआ है। एसीओ और सिविल लाइंस पुलिस ने विवेचना शुरू भी कर दी है। —————— यह खबर भी पढ़िए… लखनऊ में डिप्टी CM आवास से युवक अरेस्ट:सिक्योरिटी से बोला- मैं दिल्ली BJP अध्यक्ष का प्रतिनिध; जांच में फ्रॉड निकला लखनऊ में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के सरकारी आवास से फ्रॉड युवक पकड़ा गया। नोएडा का रहने वाला दशरथ पाल सिंह खुद को दिल्ली भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा का प्रतिनिधि बताकर डिप्टी सीएम से मिलने पहुंचा था। सतर्कता टीम ने उसके व्यवहार और दस्तावेजों पर संदेह होने पर तुरंत जांच की और फर्जीवाड़े की पुष्टि होते ही उसे हिरासत में ले लिया। पढ़ें पूरी खबर…
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