नोएडा में निवेश के नाम पर 12 करोड़ के साइबर फ्राड में 4 ठगों को गिरफ्तार किया है। इनके खातों में पैसा ट्रांसफर किया गया था। जांच में पता चला कि अब तक इंवेस्टमेंट के नाम पर ये लोग देश में करीब 35 करोड़ का फ्राड कर चुके है। इनके नाम अर्जुन सिंह, पंकज गुप्ता, रूपेन्द्र पाल और तेजपाल हुई है ये सभी बदायू के रहने वाले है। ये ठग चाइना में बैठे साइबर ठगों को खाता प्रोवाइड करा रहे थे। इनसे मिले खातों को तत्काल फ्रीज कराया गया। इनके पास से पांच आई फोन मिले है। एडीसीपी शैव्या गोयल ने बताया आरोपी अर्जुन सिंह, पंकज गुप्ता को जनता था। पंकज के कहने पर ही वो रूपेन्द्र और तेजपाल के संपर्क में आया। रूपेन्द्र और तेजपाल स्थानीय लोगों को कमीशन देने के नाम पर उनकी जीसटी, उध्यम प्रमाण पत्र बनवाकर फर्म खुलवाते हैं। फिर उनका करंट बैंक खाता खुलवाते हैं। तेजपाल के कहने पर रूपेन्द्र खाताधारक को अपने साथ मुंबई ले जाते है। फिर अन्य साथियों की मदद से विभिन्न बैंक खातों में घटना से संबंधित धोखाधडी की धनराशि की स्थानांतरित करते है। 10 प्रतिशत तक लेते थे कैश कमीशन
धोखाधड़ी में प्रयुक्त बैंक खाते में आई धनराशि का 7 से 10 प्रतिशत नकद तेजपाल अपने पास रख लेता हैं। 03 से 05 प्रतिशत खाताधारकों एवं मीडिएटर को दे देता हैं । जांच में सामने आया कि उक्त गैंग द्वारा लगभग 50 से 60 बैंक खाते धोखाधड़ी में प्रयोग करने के लिए खुलवाएं गए है। चाइना में है हैंडलर ये लोग लगभग 1 साल से साइबर अपराधों में लिप्त है। देश के विभिन्न राज्यों मे इनके विरुद्ध शिकायते दर्ज हैं। घटना में लिप्त अन्य ठगों की गिरफ़्तारी के प्रयास किए जा रहे है। एडीसीपी ने बताया कि नोएडा में एक 2 करोड़ 90 लाख के साइबर फ्राड में रूपेन्द्र पाल और तेजपाल का नाम भी सामने आए है। ये लोग चाइना में बैठे साइबर ठगों को खाता प्रोवाइड करवाते थे। देश में इनके खातों के खिलाफ 43 शिकायत मिली
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